हरिद्वार। दवा सैंपल की रिपोर्ट जांच में फेल आने पर उत्तराखंड की 9 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अनुसार देवभूमि में बनी 11 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं।
इन दवाओं के सैंपल फेल मिले
देहरादून की एसवीपी लाइफ साइसेंज में निर्मित डॉइक्लोमाइन हाइड्रोक्लोराइड, जेंटामाइसिन व मिथाइल कोबालामिन इंजेक्शन, मैनकेयर लेबोरेटरीज की को-ट्रिमोक्साजोल सिरप, हरिद्वार की कैवेंडिश बायो फार्मा में निर्मित ओमेप्राज़ोल डोम्पेरिडोन टैबलेट केसैंपल फेल मिले हैं।
इनके अलावा, टेक्निका लैब्स और फार्मा की एसीक्लोफेनाक पेरासिटामोल सेराटियोपेप्टिडेज टैबलेट, जेनेका हेल्थकेयर की लेवोसालबुटामोल एम्ब्रोक्सोल गुइफेनसिन सिरप, भी फेल मिली।
वहीं, मैस्कोट हेल्थ सीरीज की लैक्टिक एसिड बेसिलस टैबलेट, स्काईमैप फार्मास्यूटिकल की मेटोप्रोलोल टैबलेट, जेबी रेमेडीज की ओफ्लाक्सासिन ओर्नीडाजोल टैबलेट, आर्किड बायोटेक की लैक्टोजर्म कैप्सूल का सैंपल जांच में फेल आया है।
बाजार से दवाएं वापस मंगाने के निर्देश
जिन दवाओं के सैंपल फेल मिले हैं, उन दवाइयों को बाजार से वापस मंगाया जा रहा है। ड्रग कंट्रोलर के मुताबिक अब औषधि निरीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित बैच की दवाओं को दुकानों पर न बेचा जा सके।
देश में 66 सैंपल हुए थे फेल
बीते मार्च माह में देशभर में 931 सैंपलों की जांच करवाई गई थी। इसमें 864 सैंपल सही और 66 फेल मिले। एक सैंपल मिस ब्रांडेड पाया गया। सीडीएससीओ ने इस संबंध में ड्रग अलर्ट जारी किया है। इनमें उत्तराखंड में बनी 11 दवाओं के सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।
गौरतलब है कि कई देशों में भारत की दवाइयां फेल मिलने के बाद केंद्र सरकार ने दवाओं की निगरानी बढ़ा दी है। इसके तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हर माह दवाओं की आकस्मिक जांच करा रहा है। सीडीएससीओ की ओर से देशभर की निर्माण इकाईयों में नियमित सैंपलिंग की जा रही है।