शिमला। दवा सैंपल फेल होने पर संबंधित कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। वहीं, बार-बार सैंपल फेल होने पर कंपनी का लाइसेंस कैंसिल की कार्रवाई होगी। ये अल्टीमेटम हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य की 25 फार्मा कपंनियों की 40 दवाइयों के सैंपल फेल होने पर नाराजगी जताई है।

25 फार्मा कंपनियों की 40 दवाओं के सैंपल मिले फेल

गौरतलब है कि दिसंबर माह के ड्रग अलर्ट में हिमाचल की 25 फार्मा कंपनियों में बनी 40 दवाइयों के सैंपल फेल पाए गए हैं। ये सैंपल केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के मानकों पर खरे नहीं उतर पाए। हिमाचल प्रदेश में फार्मा उद्योगों के दवाइयों के सैंपल पहले भी कई बार फेल हो चुके हैं। इससे नाराज स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने संबंधित कंपनियों को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी कंपनी की दवा का सैंपल फेल होता है तो, उसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। वहीं, बार-बार ऐसा होने पर कंपनी का लाइसेंस कैंसिल किया जाएगा।

फार्मा उद्योगों पर एक्शन लिया जाएगा

स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने इस मुद्दे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दवाइयों के सैंपल फेल होने से प्रदेश की छवि खराब होती है। ऐसेमामलों में इन उद्योगों पर एक्शन लिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के बद्दी फार्मा क्षेत्र की कुछ कंपनियों के दवाइयों के सैंपल फेल पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इन सभी कंपनियों को नोटिस भेज दिए गए हैं। मामले में विभाग कार्रवाई करेगा।

भविष्य में भी दवाइयों की जांच की जाएगी

धनीराम शांडिल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश दवाइयां का निर्यात भी करता है, लेकिन इस तरह के प्रकरणों से प्रदेश और फार्मा उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में दवाइयों के सैंपल फेल होने वाले फार्मा उद्योगों को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। उनहोंने कहा कि पहले भी विभाग की ओर से सैंपल फेल होने पर लाइसेंस कैंसिल किए गए हैं। भविष्य में भी दवाइयों की जांच की जाएगी। अगर कोई भी कमी मिलती है या सभी मानकों को पूरा नहीं करती है तो उसे भी तुरंत प्रभाव से खारिज कर दिया जाएगा।