जयपुर। राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में पिछले छह माह से रजिस्ट्रार के नहीं होने से फार्मासिस्ट्स के करीब 10 हजार नवीनीकरण व पंजीकरण का काम अटका हुआ है। इससे नौ हजार नवीनीकरण तथा एक हजार नए पंजीकरण के मामले पेन्डिंग हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों में रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर के मामले भी पेन्डिंग चल रहे हैं। नतीजतन फार्मासिस्ट को सरकारी नौकरी में आवेदन व रजिस्ट्रेशन के लिए आने वालों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। पिछले साल सितंबर में रजिस्ट्रार को हटाया गया था। सरकार ने सहायक औषधि नियंत्रक अजीन जैन को इस पद का दायित्व सौंपा था, लेकिन कार्यग्रहण करने के बाद राजस्थान फार्मेसी काउंसिल व केमिस्ट एसोसिएशन की ओर से मामला कोर्ट में चला गया। काउंसिल में रजिस्ट्रार के नहीं होने से औषधि नियंत्रण संगठन ने दवा विक्रेताओं के ऑनलाइन लाइसेन्स के आवेदन की तिथि चौथी बार 15 मार्च तक बढ़ा दी है। ड्रग कंट्रोलर सेकंड अजय फाटक का कहना है कि काउंसिल में रजिस्ट्रार नहीं होने से ऑनलाइन आवेदन की तिथि बढ़ा दी है।