नई दिल्ली। एक तरफ दवा विक्रेताओं के लाइसेंस के नवीनीकरण का विलंब शुल्क एक हजार से घटाकर 60 रूपए किया गया ताकि दवा विक्रेताओं को कम से कम परेशानी हो लेकिन ये बदलाव भी दवा बेचने वालों को रास नहीं आया। जहां समय पर लाइसेंस का नवीनीकरण करा लिया जाना चाहिए था। वहां करीब 60 दवा विक्रेताओं ने लाइसेंस का नवीनीकरण अभी तक नहीं कराया है।
औषधि महकमे में हर साल लाइसेंस का नवीनीकरण कराया जाता है। लाइसेंस का समय से नवीनीकरण न कराया जाए तो उस पर एक हजार रुपये की पेनाल्टी दवा विक्रेता को देनी पड़ती थी, लेकिन अब इस पेनाल्टी को घटाकर सिर्फ 60 रुपये कर दिया गया है। ऐसे में दवा विक्रेता दवा बिक्री के लाइसेंस के नवीनीकरण से बेफिक्र हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि अभी तक 60 दवा विक्रेताओं ने समय पूरा होने के बाद भी लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया है। याद दिला दे कि छह माह तक लाइसेंस का नवीनीकरण न कराने से वह स्वत: ही निरस्त हो जाता है। अब सवाल खड़े हो रहे है कि आखिर क्यों दवा विक्रेता नियमों को तोड़ कर काम कर रहे है। वहीं माना जा रहा है कि इन 60 दवा विक्रेताओं पर जल्द कार्रवाई भी की जा सकती है।