नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण का सिलसिला थमता हुआ नहीं दिख रहा है। दिल्ली के कापसहेड़ा में एक ही बिल्डिंग में 41 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
असल में, दिल्ली के कापसहेड़ा में एक मकान में 18 अप्रैल को एक कोरोना का मामला सामने आया था।  घनी आबादी का इलाका देखते हुए प्रशासन ने 19 अप्रैल को इलाके को सील करने के आदेश दे दिए थे।  इसके बाद यहां के 95 लोगों के सैंपल 20 अप्रैल को और 80 के सैंपल 21 अप्रैल को लिए गए।  यह सैंपल नोएडा की NIB लैब को भेजे गए।  कुल मिलाकर 175 लोगों के सैंपल में से 67 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आज आई है।  इनमें से 41 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।  हालांकि 10-11 दिन में जो रिपोर्ट आई है, वह भी पूरी नहीं है. टेस्ट रिपोर्ट में देरी की वजह नोएडा की NIB लैब में भेजे जा रहे अधिक सैंपल को बताया जा रहा है।  लेकिन वहीं साउथ वेस्ट जिलाधिकारी कार्यालय के मुताबिक 25 अप्रैल के बाद साउथ वेस्ट जिले की तरफ से नोएडा लैब को कोई सैंपल नहीं भेजा गया है।

बहरहाल, लॉकडाउन के तीसरे चरण में देश को तीन जोन में बांटा गया है।  जोन के हिसाब से लॉकडाउन में राहत भी दी गई है।  राजधानी दिल्ली को रेड जोन में रखा गया है, इसलिए यहां तीसरे लॉकडाउन (4 मई से 17 मई तक) के दौरान किसी भी इलाके में कोई ढील नहीं दी जाएगी।  क्योंकि जिलों के आधार पर इलाकों को बांटा गया है। 

दिल्ली सरकार ने इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली के सभी जिले 17 मई तक रेड जोन में ही रहेंगे।  स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि अगले दो हफ्तों तक इन सभी इलाकों में किसी प्रकार की ढील नहीं देने का विचार किया गया है। 

हालांकि, इन स्थितियों के बावजूद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि भारत की स्थिति दूसरे देशों से काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग जोन्स के बारे में सही से जानकारी दी गई है। वैक्सीन न बन जाने तक हमें दो गज दूरी का सोशल डिस्टेंसिंग का नियम मानना होगा। जावड़ेकर ने कहा कि देश में कोरोनावायरस का सबसे बुरा दौर गुजर चुका है। लेकिन यह अभी पूरी तरह सीमित नहीं की जा सकी है। हमें सभी गाइडलाइंस और एहतियात बरतने जारी रखने चाहिए।