नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कोरोना टीकाकरण के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का नामांकन शुरू कर दिया है। सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों, नर्सिंग होम, ओपीडी व क्लीनिक को नामांकन के लिए अपने कर्मचारियों के नाम भेजने के लिए कहा है। इन प्रतिष्ठानों को अपने कर्मचारियों का डाटा देना है। दरअसल कोरोना से बचाव के लिए टीके के साथ जल्द ही दवा भी मिल सकती है। देश में पहली बार संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा को अंतिम परीक्षण की मंजूरी दी गई है। जाइडस कैडिला कंपनी बायोलॉजिकल थेरेपी के जरिये मरीजों का उपचार कर रही है। दूसरे चरण के परीक्षण में जिन 40 मरीजों को दवा दी गई थी उनकी स्थिति गंभीर होने से बच गई। साथ ही ऑक्सीजन की कमी में भी सुधार देखने को मिला। तो वहीं कंपनी के एमडी डॉ. शरविल पटेल ने बताया, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अनुमति मिलने के बाद देश के 25 अस्पतालों में भर्ती 250 मरीजों पर परीक्षण होगा।
दूसरे चरण में जिन मरीजों को एक खुराक दी गई उनमें 95 फीसदी संक्रमण मुक्त हुए। बायोलॉजिकल थेरेपी को 2001 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आवश्यक दवाओं की सूची में जोड़ा था। हेपेटाइटिस सी में इस्तेमाल होने वाली इस दवा को भारतीय बाजार में 2011 में अनुमति मिली थी। जाइडस कैडिला कोरोना का टीका भी विकसित कर रहा है जो परीक्षण के दूसरे चरण में हैं। यह भारत का दूसरा स्वदेशी टीका है। दिल्ली सरकार के अनुसार कई अस्पताल, नर्सिंग होम आदि ने कर्मचारियों का डाटा साझा भी कर दिया है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कई छोटे बड़े अस्पतालों ने अपने कर्मचारियों का डाटा शेयर किया है। सरकार अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के कर्मचारियों से भी अपने नाम भेजने का आग्रह करती है। यह डाटा दिल्ली स्टेट हेल्थ मिशन (डीएसएचएम) की वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं। इसके साथ निजी स्वास्थ्य सेवाएं अपने कर्मियों का डाटा इस वेबसाइट पर लॉग इन करके अपना डाटा अपलोड कर सकते हैं।