नई दिल्ली। दर्द कम करने के लिए ली जाने वाली दवाएं (पेनकिलर्स) दिल का दौरा बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं। ऐसे में हार्ट अटैक से व्यक्ति की जान भी जा सकती है। यह दावा कार्डियोवैस्क्युलर फार्माकोथेरेपी नामक प्रतिष्ठित पत्रिका में छपे एक अध्ययन में किया गया है। इसमें बताया गया कि पेनकिलर्स के सेवन से दिल के दौरे का खतरा 31 फीसदी तक बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने डेनमार्क में 28,947 दिल के मरीजों का अध्ययन किया तो पता चला कि इनमें से 3376 मरीजों ने दिल के दौरे पडऩे से पहले डाइक्लोफेनेक और आइब्यूप्रोफेन जैसी आम दर्दनिवारक दवाओं का सेवन किया था। इनके सेवन से मरीजों में दिल का दौरा का खतरा काफी बढ़ा दिया था। डाइक्लोफेनेक जैसी दवा से तो यह खतरा 50 फीसदी तक बढ़ता देखा गया. इसलिए डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग दिल की बीमारी के शिकार हैं या जिन्हें यह होने का जोखिम है, उन्हें ये दवाएं लेने से बचना चाहिए। अध्ययनकर्ताओं ने एक और खतरे की तरफ ध्यान खींचा है. क्योंकि ये दवाएं डॉक्टर के पर्चे के बिना भी खरीदी जा सकती हैं इसलिए लोग यह समझते हैं कि ये सुरक्षित हैं. लेकिन इस अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि इनसे दर्द भले ही शांत हो जाए लेकिन एक बड़ा जोखिम बढ़ जाता है. यही वजह है कि अब मांग हो रही है कि इन दवाओं को खरीदने के लिए डॉक्टर का सुझाव अनिवार्य कर दिया जाए।