केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के द्वारा की गई जांच में हिमाचल प्रदेश समेत देश की 61 दवाओं के सैंपल जांच में फेल हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के 19 उद्योगों में बनने वाली 24 दवाएं, सिरप और इंजेक्शन गुणवत्ता की जांच में खरे नहीं उतरे हैं।
हिमाचल प्रदेश की जिन दवाओं के नमूने फेल हुए हैं उनका निर्माण सोलन जिले के बद्दी, बरोटीवाला, वाकनाघाट, सिरमौर जिले के पांवटा साहिब स्थित दवा उद्योगों में हुआ है। बद्दी में स्थित एफी फार्मा उद्योग के पांच सैंपल फेल हुए हैं। इस उद्योग के खिलाफ पहले से ही राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण कार्रवाई करते हुए दवा उत्पादन पर रोक लगा चुका है।
देश की जिन 61 दवाओं के सैंपल जांच में फेल हुए उनमें फंगल इन्फेक्शन, कैंसर, टाइप 2 डायबिटीज, गंभीर जीवाणु संक्रमण, कार्डियक अरेस्ट, एंटीबायोटिक, श्वसन रोग, एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग, एनजाइना, अल्जाइमर, एंटीपैरासिटिक, पेट में अल्सर, बुखार सहित दर्द के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयां शामिल हैं।
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केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के द्वारा पिछले महीने अक्टूबर में हुई जांच में नई दिल्ली, जम्मू, राजस्थान, बिहार उत्तराखंड, बंगलुरु , कोलकाता, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट, चेन्नई में निर्मित 37 दवाएं भी सबस्टेंडर्ड पाई गई हैं। इन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए दवा का पूरा बैच बाजार से तुरंत वापस मंगवाने के निर्देश दिए गए हैं। जिन उद्योगों के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं उन पर कड़ी कार्रवाही की जायेगी।