मुंबई। देसी दवा बाजार की रफ्तार फिसलकर अक्टूबर में एक अंक में आ गई है। इकाई का यह आंकड़ा भी निचले स्तर पर रहा। बाजार शोध फर्म एआईओसीडी अवैक्स के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय दवा बाजार की रफ्तार अक्टूबर में फिसलकर 5.1 फीसदी यानी 1.22 लाख करोड़ रुपये की रह गई, जबकि सितंबर में इसकी रफ्तार 11.9 फीसदी रही थी। जुलाई से सितंबर की अवधि में बाजार की रफ्तार 11.5 फीसदी रही थी, जिसमें वॉल्यूम यानी बिक्री व कीमत दोनों का योगदान रहा था। सितंबर 2019 में 11.9 फीसदी की अच्छी रफ्तार के बाद भारतीय दवा बाजार के अक्टूबर के आंकड़े चौंकाने वाले रहे, जहां बाजार की रफ्तार फिसलकर 5.1 फीसदी रह गई। अक्टूबर 2018 में 12.5 फीसदी की रफ्तार देखने को मिली थी। अक्टूबर 2019 में रफ्तार में गिरावट हर क्षेत्र में देखने को मिली। संक्रमणरोधी दवा का बाजार 2.9 फीसदी बढ़ा, जबकि दिल की बीमारी के इलाज वाली दवा का बाजार 7.9 फीसदी बढ़ा। गैस्ट्रो इंटेस्टाइन का बाजार 4.7 फीसदी जबकि एंटीबायोटिक का बाजार 6.4 फीसदी बढ़ा। उधर, विटामिन के बाजार की रफ्तार 2.3 फीसदी रही। मानसून के बाद भारतीय दवा बाजार में 47 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाली वैसी बीमारियों के इलाज की दवा का बाजार 7.9 फीसदी बढ़ा, जिनमें कम समय के लिए ही इलाज की दरकार होती है, वहीं लंबे समय तक इलाज वाली बीमारी की दवा का बाजार 11.5 फीसदी बढ़ा। अक्टूबर में बिक्री 2.7 फीसदी घटी जबकि सितंबर में इसमें 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। एआईओसीडी ने कहा कि बिक्री में 2.7 फीसदी की गिरावट 12 महीने की बिक्री में बढ़ोतरी के औसत 1.5 फीसदी के मुकाबले काफी कम है। पिछले 12 महीने में कीमत में बढ़ोतरी की औसत रफ्तार 5.1 फीसदी रही, जबकि नए उत्पादों की रफ्तार 2.5 फीसदी रही है।