धमतरी (छत्तीसगढ़)। क्षेत्र के अधिकांश मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित एंटीबायोटिक की दवाइयां खुलेआम बेेची जा रही हैं। ऐसे मेंं लोगों की सेहत खतरे में है। सूत्रों के अनुसार मेडिकल स्टोर्स पर हर माह लाखोंं रुपए की एंटीबायोटिक दवाइयों की खपत हो रही है। धमतरी जिले में ही 450 से अधिक दवा दुकानें संचालित हो रही हैं, जिसमेंं से केवल 320 दुकानदारों ने ही अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इन दुकानों में प्रतिबंधित एंटीबायोटिक दवाइयां बेची जा रही हंै। गौरतलब है कि पूर्व में औषधि प्रशासन विभाग ने भखारा के एक मेडिकल स्टोर से दवाई का सैंपल लिया था। रिपोर्ट में दवाई अमानक पाई गई थी, लेकिन सफेदपोश नेताओं का संरक्षण मिलने के कारण विभागीय अधिकारी कार्रवाई नहीं कर पाए। इन्हीं कारणों के चलते मेडिकल स्टोर संचालक लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। बता दें कि वर्ष-2017 में 3 मेडिकल स्टोर से 21 दवाइयों के सैंपल लिए गए थे। इसमें से 6 के खिलाफ कोर्ट में केस भी चला, जबकि इसमें से 18 मामलों में इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। ड्रग इंस्पेक्टर सुमित देवांगन ने बताया कि 352 प्रकार की एंटीबायोटिक दवाइयों को केन्द्र शासन ने प्रतिबंधित किया है। दवा दुकानों में दबिश देकर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। उधर, दवा व्यापारी मनीष कुमार का कहना है कि एंटीबायोटिक दवाइयों को लेकर केन्द्र शासन व औषधि प्रशासन विभाग से अभी कोई नोटिस नहीं मिला है। यही कारण है कि व्यापारी इसे धड़ल्ले से बेच रहे हैं। वर्ष 2018 में भी कई मेडिकल स्टोर से दवाइयों के 19 सैंपल लिए गए थे, जिसमें से 3 अमानक स्तर पर पाई गई हैं, वहीं  करीब 18 मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई है।