नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के जीवाजी विश्वविद्यालय और दिल्ली की एआईएमआईएल फार्मास्यूटिकल कंपनी ने नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए नई आयुर्वेदिक दवाएं विकसित करने के लिए एक समौझाता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (एमओयू) किया है। इस समझौते का लक्ष्य आयुर्वेद क्षेत्र में मौजूदा दवाओं के घटकों को वैज्ञानिक तौर पर वैधता प्रदान करना भी है। पूर्व स्वास्थ्य सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के पूर्व निदेशक डॉक्टर वीएम कटोच ने अनुसंधान संस्थानों और आयुर्वेद उद्योग के बीच सामंजस्य की तारीफ की। इस समझौता ज्ञापन पर जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर संगीता शुक्ला और एआईएमआईएल फार्मास्यूटिकल के कार्यकारी निदेशक संचित शर्मा ने हस्ताक्षर किए।