बिजनौर (उप्र)। नकली दवाइयां बनाने वाली पांच दवा कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इससे पहले भी पांच अन्य दवा कंपनियों पर केस दर्ज कराया गया था।
यह है मामला
औषधि निरीक्षक उमेश भारती ने बताया कि जिले में लगातार दवाइयां जांच में अधोमानक और नकली मिल रही हैं। इसके चलते अब पांच दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज करवाया है। साथ ही एक मेडिकल स्टोर संचालक पर नार्कोटिक्स अधिनियम के तहत केस दर्ज करवाया गया है।
ड्रग इंस्पेक्टर के अनुसार जेएमएम फॉर्मूलेशन प्राइवेट लिमिटेड सिरमोर में बनी सिफेक्सिमा-100 डीएस दवाई जांच में अधोमानक मिली। इसके अलावा नेक्टर हर्बस ड्रग्स, कोटद्वार में बनी डिक्जोस-पी टेबलेट भी अधोमानक पाई गई। वहीं, माइटक्सिम-200 डीटी दवा भी जांच में अधोमानक निकली, जोकि डैक्सीन फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड, सोलन में बनी थी।
मेरोपेनेम इंजेक्शन का सैंपल जांच में अधोमानक मिला
उन्होंने बताया कि वहीं मेरोपेनेम इंजेक्शन का सैंपल जांच में अधोमानक पाया गया। यह इंजेक्शन क्योरहेल्थ फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड, सोलन की कंपनी में बना था। जांच में अधोमानक आने पर कंपनियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज करवाया है।
उधर, औषधि निरीक्षक ने धामपुर के मोहल्ला वाडवान निवासी संदीप कुमार चौहान पर नार्कोटिक्स दवा मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले भी पांच दवा कंपनियों के खिलाफ केस दायर किया गया था। उमेश भारती का कहना है कि जिले में लगताार दवाइयों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। यह कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी।