नई दिल्ली। अब नकली दवाओं की पहचान जल्द हो सकेगी। इसके लिए सुरक्षा स्याही विकसित कर ली गई है, जो नकली दवाओं की पैकिंग को रोकन मेें मददगार होगी। इसकी मदद से न केवल नकली दवा बल्कि पासपोर्ट और नोटों की जालसाजी भी रोकी जा सकेगी। विशेषज्ञों के अनुसार एक निश्चित आवृत्ति के प्रकाश के संपर्क में आने पर इस स्याही में दो रंग उभरने लगते हैं। सामान्य प्रकाश में यह स्याही सफेद रंग की दिखाई देती है। जब इस पर 254 नैनोमीटर की आवृत्ति से पैराबैंगनी प्रकाश डाला जाता है तो इससे लाल रंग उत्सर्जित होने लगता है और पैराबैंगनी प्रकाश को बंद करते ही स्याही से हरा रंग उत्सर्जित होने लगता है। पैराबैंगनी प्रकाश के संपर्क में आने से इस स्याही से लाल रंग 611 नैनोमीटर और हरा रंग 532 नैनोमीटर की आवृत्ति से उत्सर्जित होता है। लाल रंग का उत्सर्जन प्रतिदीप्ति (फ्लूअरेसंस) और हरे रंग का उत्सर्जन स्फुरदीप्ति (फॉस्फोरेसेंस) प्रभाव के कारण होता है। इसे वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल), नई दिल्ली और एकेडमी ऑफ साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च, गाजियाबाद के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है।