Fake Medicine: उत्तर प्रदेश में इन दिनों नकली दवाइयों (Fake Medicine) का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। लोग इसका शिकार हो रहे हैं। पूरे प्रदेश में करीब 70,989 थोक और 1,05,700 फुटकर ऐसे दवा कारोबारी हैं जो नकली दवाइयों का कारोबार कर रहे हैं। इन दवाइयों का सेवन करने से लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। ऐसे में नकली दवाइयों के खिलाफ STF और FSDA ने संयुक्त रूप से मुहिम शुरू की है।
STF ने कई दवा व्यापारी को लिया रडार पर
जांच में सामने आया है कि हिमाचल प्रदेश में बन रही नकली दवा को उत्तर प्रदेश के रास्ते पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आंध्र प्रदेश सहित कई शहरों में पहुंचाया जा रहा है। अब इस नकली दवाइयों के नेटवर्क को STF और FSDA तोड़ने का प्रयास कर रही है। STF की टीम के द्वारा आगरा, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर समेत कई दवा मंडी के व्यापारियों को रडार पर लिया गया है।
नकली दवा के कारोबार में मेडिकल और इंजीनियरिंग से लेकर इंटरमीडिएट शामिल
नकली दवा के इस कारोबार में मेडिकल, इंजीनियरिंग से लेकर इंटरमीडिएट और अन्य डिग्री धारक तक शामिल हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में करीब 70,989 थोक और 1,05,700 फुटकर ऐसे दवा कारोबारी हैं जो नकली दवाइयों का कारोबार कर रहे हैं। ये कारोबारी नकली दवाइयों का कारोबार करके खुद तो धड़ल्ले से पैसे कमा रहे हैं लेकिन आमजन के स्वास्थ्य से बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं।
कैंसर, फेफड़े, गठिया और गर्भपात सहित कई बीमारियों की नकली दवा
नकली दवाइयों में ज्यादातर कैंसर की दवाइयां शामिल है। इसके अलावा गर्भपात, फेफड़े सहित विभिन्न तरह के संक्रमण, गठिया रोग, इम्यूनिटी से जुड़ी दवाई भी शामिल हैं। STF और FSDA की पड़ताल में नकली दवाईयों के बेचे जाने के संदर्भ में कई खुलासे हुए हैं। नकली दवाओं का कारोबार करने वाली कंपनियां ब्राडेंड दवाइयों नामचीन कंपनी की ब्रांड नेम से मिलते जुलते नाम वाली दवाई तैयार कर कई राज्यों में पहुंचा रहा है।
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