नई दिल्ली। नकली दवा को राजधानी दिल्ली के अस्पतालों से वापस लेने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ये निर्देश दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं।

उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी

नकली दवा

बता दें कि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस मामले की सीबीआई जांच करने की सिफारिश की थी। इसके बाद सतर्कता निदेशालय ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है। सक्सेना ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ‘गुणवत्ता मानक परीक्षण में विफल’ रहीं और ‘जीवन को खतरे में डालने की गुंजाइश’ वाली दवाओं की कथित आपूर्ति की जांच की सिफारिश की थी। जो दवाइयां घटिया गुणवत्ता की मिली हैं, उनमें फेफड़ों और मूत्र तंत्र के संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली महत्वपूर्ण जीवन रक्षक एंटीबायोटिक सेफैलेक्सिन शामिल हैं।

यह दवाइयां मानक गुणवत्ता वाली नहीं 

अधिकारियों के अनुसार, फेफड़ों, जोड़ों और शरीर में सूजन को ठीक करने के लिए एक स्टेरॉयड ‘डेक्सामेथासोन’, मिर्गी-रोधी और चिंता विकार-रोधी मनोरोग दवा ‘लेवेतिरसेटम’ और उच्च रक्तचाप-रोधी दवा ‘एम्लोडेपिन’ भी शामिल है।

दवा कंपनियों को न किया जाए भुगतान

पत्र में कहा गया है कि दिल्ली औषधि परीक्षण प्रयोगशाला की रिपोर्ट में कई दवाइयां मानक गुणवत्ता वाली नहीं हैं। उन सभी अस्पतालों के स्टॉक से इन दवाओं को हटा दिया जाए। यह भी स्पष्ट करें कि इन दवाओं की खरीद एवं आपूर्ति कब से की जा रही है।

विफल दवाओं को जब्त किया जाए

इन कंपनियों और निर्माताओं को अब तक कितना भुगतान किया गया और कितना बकाया है। ऐसी दवाओं के लिए कंपनियों को कोई भुगतान नहीं किया जाए। निर्धारित मानदंडों में विफल रही दवाओं को कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार जब्त किया जाए।