गोरखपुर। नकली दवा बेचने की शिकायत पर मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की गई है। न्यूरो से संबंधित एक दवा कंपनी के प्रतिनिधि ने खाद्य औषधि प्रशासन को सूचना दी कि नकली उत्पाद को भालोटिया के थोक मार्केट के जरिए पूर्वांचल, बिहार और नेपाल बार्डर तक खपाया जा रहा है। इस शिकायत के बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने कई दवा दुकानों पर छानबीन शुरू की है। हालांकि, अभी तक कोई मामला पकड़ में नहीं आ यका है।
नसों के इलाज के लिए महत्वपूर्ण इस टेबलेट की मांग घटने पर संबंधित कंपनी ने मामले की जांच कराई। यहां उन्हें अपनी कंपनी के नाम से मिलते-जुलते नाम की दवा मिली। दवा निर्माता फर्म के अधिकारियों ने दवा का पत्ता ड्रग विभाग को उपलब्ध कराते हुए इसकी शिकायत की। इस मामले में अब सहायक औषधि आयुक्त पूरन चंद ने ड्रग इंस्पेक्टर राहुल कुमार से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि दवा बिक्री फुटकर दुकानों पर हुई है। वहां पर भी जांच कराई जाएगी।
गौरतलब है कि भालोटिया मार्केट से मिलावटी दवाइयों का खेल काफी पुराना है। यहां के कुछ कारोबारी हिमाचल प्रदेश की फर्मों से बड़ी कंपनियों के नाम से मिलती-जुलती दवा की टेबलेट तैयार कराते हैं। ये दवा असली दवा के बदले लगभग उसी रेट पर बेच दी जाती है। इसमें दुकानदारों को 40 से 50 फीसदी तक का फायदा मिलता है। इसके अलावा यहां से प्रतिबंधित कफ सीरप और इंजेक्शन भी बाहर भेजे जाते हैं। पड़ोसी जिला महराजगंज में इस साल तीन बार इस तरह के मामले पकड़े जा चुके हैं।