नई दिल्ली। पुलिस ने जरूरतमंदों को नकली दवा बेचकर ठगने वाला गिरोह पकड़ा है। ठग गिरोह के सदस्य आयुर्वेदिक दवाओं से असाध्य रोग जैसे एड्स, कैंसर व हृदय की बीमारियों के इलाज का दावा करते थेे। चार महीने की दवाओं की कीमत 35 हजार से सात लाख रुपये तक वसूलते और बीमारी ठीक न होने पर ठग पूरे पैसे वापस करने का दावा करते थे। लेकिन तीन महीने से पहले ही अपनी दुकान कम क्लीनिक बंद कर लापता हो जाते थे।
डीसीपी मध्य जिला मंदीप सिंह रंधावा ने बताया कि गिरफ्तार किए ठगों के नाम मुजामिल, रवि यलप्पा शेट्टी व मनोज गोविंद शिरके हैं। तीनों कर्नाटक के अलग-अलग जिले के रहने वाले हैं। इनमें मुजामिल खुद को डॉक्टर व मनोज खुद को आयुर्वेदिक भंडार कम दुकान का मालिक बताता था। रवि यलप्पा मरीजों और उनके तीमारदारों को दवाओं की विशेषताएं बताकर उन्हें झांसे में लेता था। उसे लोगों का ब्रेनवाश करने में महारत हासिल है। उसके खिलाफ हैदराबाद व तेलंगाना में इसी तरह ठगी करने के दो और मामले दर्ज हैं। वहां की पुलिस भी उसे तलाश रही थी। पुलिस ने साइनाम आयुर्वेदिक भंडार, वर्धमान प्लाजा, आसफ अली रोड पर छापा मारकर स्टील के सात बक्से जिनमें अलग-अलग रंगों के भस्म थे, 1.10 लाख नकदी, ठगी करने में इस्तेमाल चार मोबाइल फोन, पीड़ित के 43,000 रुपये के चेक, तीन कैश मेमो और तीन चेकबुक बरामद किए हैं। दिल्ली में पिछले 20 दिनों में आरोपित 34 लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर चुके थे। जांच में पता चला है कि गिरोह असाध्य बीमारियों को ठीक करने का दावा कर मरीजों के तीमारदारों से ठगी करता था। दिल्ली से पहले सूरत, वडोदरा, पुणो व इंदौर में भी आरोपित बड़ी संख्या में लोगों से ठगी कर चुके हैं। किसी बड़े शहर में जाकर ये लोग सबसे पहले घनी आबादी व बड़े सरकारी अस्पतालों के आसपास वाले इलाके में क्लीनिक कम दुकान खोलने के लिए मकान किराये पर लेते थे। मकान मालिकों को बिना कोई दस्तावेज सौंपे अधिक किराया देकर आयुर्वेदिक भंडार नाम से दुकान खोल लेते थे। इसके बाद ये अपने एजेंटों के जरिये लोगों को झांसे में लेते थे।