नई दिल्ली। नकली दवा सप्लाई मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार करने का मामला सामने आया है। राजधानी के छह अस्पतालों को नकली दवा सप्लाई करने के केस में सात दवा निर्माताओं और तीन प्रयोगशाला मालिक और फार्मासिस्ट को अरेस्ट आया है। यह कार्रवाई एंटी करप्शन ब्रांच ने की है।

जाली रसीदें जारी की गई

बताया गया है कि इस मामले में डॉक्टर, अधिकारी और स्टोरकीपर की मिलीभगत भी उजागर हुई है। अस्पतालों ने नकली दवा प्राप्त किए बिना ही जाली रसीद जारी की थीं। सतर्कता जांच और रिकॉर्ड टेम्पर्डिंग के बाद तैयार की गई जाली लैब रिपोर्ट को भी बरामद कर लिया है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों लाल बहादुर शास्त्री, एलएनजेपी, डीडीयू, एसजीएम, जेएसएसएच और जीटीबी अस्पताल के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है। हैरानी की बात तो यह है कि आपूर्ति कर्ताओं ने घटिया दवा की सप्लाई के बदले और कम डिलीवरी होने या डिलीवरी न होने के बावजूद अस्पतालों के अधिकारियों से निर्धारित वस्तुओं की रसीद हासिल कर ली थी।

यह है मामला

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सतर्कता शाखा ने उपरोक्त अस्पतालों का दौरा किया था। इस दौरान विभिन्न वस्तुओं यानी रोल्ड बैंडेज, आईवी सेट आदि के सैंपल एकत्र किए गए। इन सैंपल को विभिन्न जीएनसीटी-अनुमोदित प्रयोगशालाओं में भेजा गया। जांच में अधिकांश सैंपल घटिया या फेल पाए गए थे।

ये सैंपल मिले खराब

ये सैंपल कॉटन बैंडेज, डीलक्स इन्फ्यूजन सेट, रोल्ड बैंडेज, एब्जॉर्बेंट कॉटन आईपी, लेटेक्स एग्जामिनेशन ग्लव्स (सेनोमिक), इन्फ्यूजन सेट (ट्राई फ्लेक्स), नॉन स्टरलाइज्ड, वेल्प्रो डिस्पोजेबल सर्जिकल रबर ग्लव्स, सेफाइजर हैंड सैनिटाइजर, इन्फ्यूजन सेट से संबंधित थे। इसके बाद संबंधित विनिर्माण फर्मों और अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थीं।