रुड़की। ढाई करोड़ रुपये की नकली दवा मामले में चल रही जांच में 12 राज्यों में नकली दवा सप्लाई होने की पुष्टि हुई है। गौरतलब है कि औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने चार दिसंबर को छापे मारकर रुड़की व भगवानपुर क्षेत्र से करीब ढाई करोड़ रुपये की नकली दवा बरामद की थी। टीम ने नकली दवा बनाने और उनकी सप्लाई विभिन्न राज्यों में करने के आरोप में विपुल गोयल, गौरव त्यागी, गिरीश स्नेही व दिनेश पांडेय सभी निवासी रुड़की को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के कार्यालय व घर से बरामद हुए दस्तावेजों व मोबाइल नंबर की मदद से औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने इस मामले कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर ली है।
जांच में पता चला है कि इन नकली दवाओं की सप्लाई देश के 12 राज्यों में हो रही थी। इन राज्यों के विभिन्न शहरों में कारोबार करने वाले 110 दवा कारोबारियों के नाम सामने आए हैं। औषधि नियंत्रण विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि सभी राज्यों के ड्रग कंट्रोलर से इस संबंध में जानकारी साझा की गई है। उनके स्तर पर भी अब पड़ताल शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि जिन व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं, उनमें कई दवा बनवाते थे। जबकि कई दवा की सप्लाई का काम करते थे। इन व्यक्तियों को नोटिस भी जारी किए गए हैं।
यदि यह जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो इनको भी मुकदमे में अभियुक्त बनाया जाएगा। जांच बढ़ने के साथ ही मामले की परते खुलती जा रही हैं। ड्रग इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि जांच के बाद पता चला है कि नकली दवा की सप्लाई उड़ीसा, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पश्चिमी बंगाल, पंजाब व महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में होती थी। एक फर्जी कंपनी बनाई हुई थी।
जिसका पूरा ब्योरा ऑनलाइन था। इसी के जरिये इन राज्यों के दवा कारोबारी संपर्क करते थे।बतादें कि ड्रग विभाग ने इन राज्यों में नकली दवा से जुड़े 110 कारोबारियों को चिह्नित किया है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन कारोबारियों को दवा के नकली होने की जानकारी थी या नहीं। औषधि नियंत्रण विभाग ने इन राज्यों के ड्रग कंट्रोलर को भी इनकी सूची भेज दी है।