ग्वालियर। ग्वालियर में भंडाफोड़ हुए नकली प्लाज़्मा सप्लाई करने वाले रैकेट पर आज पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली क्योंकि कोरोना संक्रमित जिस व्यक्ति की इस प्लाज़्मा के चढ़ाने से मौत हुई थी उसकी शार्ट पीएम रिपोर्ट आ गई। उसमे पाया गया कि चढ़ाया गया प्लाज़्मा संक्रमित था। इसके बाद पुलिस ने आज ताबड़तोड़ ढंग से शहर की निजी ब्लड बैंक और पैथोलॉजी पर छापामार कार्यवाही शुरू कर दी। आपको बता दें कि ग्वालियर शहर में प्लाज्मा का पहला ऐसा मामला सामने आया है।

इसके साथ ही आशंका है कि शहर में इस तरह के काम कई जगह हो रहे हैं और एक बड़े रैकेट होने की संभावना जताई जा रही है। एसपी के अनुसार इस मामले में फिलहाल तीन लोगों हिरासत में लेकर धोखाधड़ी आपराधिक षड्यंत्र का केस दर्ज किया गया है। जांच के लिए स्वास्थ्य अफसरों और पुलिस की अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। प्लाज़्मा असली था या नकली इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है। मृतक का बिसरा जांच के लिए भेजा गया है। इस मामले में हिरासत में लिए गए तीनो आरोपियों से पुलिस और स्वास्थ्य महकमे के लोगों ने कई दौर की पूछताछ की और उसके बाद दोनों ने राधास्वामी ब्लडबैंक और चार पैथोलॉजी पर एक साथ छापामार कार्यवाही शुरू की।

अब पुलिस उस रुट को तलाशने में जुटी है जिससे होते हुए यह कालाबाजारी होती है। पुलिस ये भी पता कर रही है को यह गैंग अब तक कितने लोगों को यह संक्रमित प्लाज़्मा या ब्लड बेच चुका है। दरअसल ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में भर्ती मरीज को मनोज कुमार गुप्ता निवासी दतिया कोरोनावायरस के चलते अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां हॉस्पिटल द्वारा प्लाज्मा की मांग की गई।

उनके पूछे जाने पर हॉस्पिटल के कर्मचारी द्वारा बताया गया कि वे हॉस्पिटल के कर्मचारी जगदीश से मिले वह उनकी सारी व्यवस्था कर देगा। जब उनसे मिले तो उन्होंने सरकारी हॉस्पिटल में पदस्थ कर्मचारी का बताया कि वह आपको उपलब्ध करा देगा। उन्होंने 18000 दिए और 2 घंटे में प्लाज्मा उपलब्ध कराने की बात कही। जैसे ही अपोलो हॉस्पिटल्स प्लाज्मा को लेकर पहुंचे तो हॉस्पिटल में डॉक्टर ने बिना जांच किए प्लाज्मा देना शुरू कर दिया और मनोज का स्वास्थ्य खराब होकर सुबह मौत हो गई।

जिसके बाद परिजनों ने सरकारी हॉस्पिटल ब्लड बैंक में जाकर उपलब्ध कराये गए प्लाज्मा की जानकारी ली तो पता चला कि प्लाज्मा ब्लड बैंक से नहीं लिया गया है और जो भी पीले रंग का क्रॉस मैचिंग रिपोर्ट कार्ड उनके पास था वह फर्जी साबित हुआ और इस पर लगी मुहर फर्जी पाई गई। इसके बाद परिजनों ने थाने पहुंचकर हंगामा किया और पुलिस ने जांच शुरू कर दी। परिजनों के शक के अनुसार पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू की ।

इसके साथ ही पुलिस ने एक विशेष टीम भी गठित की है। जिसमें एफएसएल, डॉक्टर और पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। कल मृतक की शार्ट पीएम रिपोर्ट में पाया गया कि चढ़ाया गया ब्लड संक्रमित है तो फिर आज इस मामले में एफआईआर दर्ज की गयी।