भोपाल : कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में करने की मांग की है। कांग्रेस ने यह दावा किया कि प्रदेश सरकार 60 हजार से अधिक नर्सिंग छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है।
वहीं मध्यप्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस के दावों का खंडन किया और कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है।
मध्य प्रदेश लॉ स्टूटेंडस एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने इस मामले को लेकर इस साल 11 जनवरी को एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कुछ कॉलेजों में बुनियादी ढांचे की कमी के साथ-साथ कुछ कॉलेजों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केवल कागजों पर चलने का आरोप लगाया गया है।
एमपी नर्सिंग काउंसिल (एमपीएनसी) द्वारा अदालत में पेश की गई गलत सामग्री को देखते हुए उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को प्रदेश सरकार को एमपीएनसी के संचालन के लिए नए प्रशासक नियुक्त करने का आदेश दिया।
हाल ही में प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय की जांच के दायरे में आने वाले प्रदेश के 93 कॉलेजों की मान्यता को निलंबित कर दिया।
मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉक्टर गोविंद सिंह ने नर्सिंग कॉलेज ‘घोटाले’ की उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की।