रोहतक। पीजीआई की नर्सों ने अपनी मांगों की अनदेखी किए जाने के विरोध में दो दिवसीय दो घंटे की घोषित हड़ताल के प्रथम दिन मंगलवार को 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक अपना कार्य सस्पैंड रखा। वर्कसस्पैंड के चलते पीजीआई की स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित रही तथा वार्ड में दाखिल मरीजों को उचित सेवा उपलब्ध नहीं हो पाई लेकिन नर्सों ने आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा। नर्सों की 2 घंटे की हड़ताल से ही मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
पीजीआई नर्सिंग एसोसिएशन के प्रधान अशोक यादव ने एसएस ऑफिस के सामने प्रदर्शन करती नर्सों को संबोधित करते कहा कि एसोसिएशन पिछले काफी समय से अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलनरत है लेकिन सरकार उनकी मांगों का समाधान नहीं कर रही जिसके चलते नर्सों में भारी रोष है। उन्होंने आरोप लगाया कि उच्च अधिकारियों के रवैया के कारण उनकी मांगों की अनदेखी हो रही है। एसएस कार्यालय के सामने एकत्रित नर्सो ने सरकार और पीजीआई प्रशासन के विरूद्ध जोरदार नारेबाजी की। नर्सों की 4600 रूपए ग्रेड पे, वर्दी भत्ता, नर्सिंग एलाउंस, केंद्र की तर्ज पर दिए जाने तथा वेतन विसंगतियों को दूर करने की प्रमुख मांगे है।
प्रधान अशोक ने बताया कि एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपे लेकिन उनकी मांगों का समाधान नहीं निकाला गया। उन्होंने कहा कि नर्सों की हड़ताल से मरीजों को हो रही कठनियों की जिम्मेदारी सरकार और पीजीआई प्रशासन पर है। उन्होंने साफ किया कि यदि उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो नर्से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकती है। बुधवार 14 मार्च को भी पीजीआई की नर्से दो घंटे के लिए वर्कसस्पैंड कर हड़ताल करेंगी।