Sativol tonic: लोग अक्सर अपनी थकान मिटाने और मूड फ्रेश करने के लिए शराब या बीयर का इस्तेमाल करते हैं।  डॉक्टर  ये सलाह देते हैं कि अधिक मात्रा में ऐल्कोहॉल का इस्तेमाल व्यक्ति की सेहत पर बुरा असर डालता है। लेकिन टॉनिक में ही यदि बीयर से ज्यादा ऐल्कोहॉल हो तो फिर क्या किया जा सकता है ? जी हां हम बात कर रहे हैं एक होम्योपैथिक टॉनिक- साटिवाेल (Sativol tonic) के बारें में। तनाव, अनिंद्रा और थकान दूर करने के लिए इस टॉनिक का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इस टॉनिक का इस्तेमाल इन दिनों नशे के रुप में हो रहा है।

Sativol tonic में 40 प्रतिशत ऐल्कोहॉल

100 एमएल के साटिवोल टॉनिक में 40 प्रतिशत ऐल्कोहॉल है जो बीयर से 8 गुना अधिक है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के अनुसार माने तो सीधे ग्राहक को मिलने वाली होम्योपैथी की लिक्विड दवा में मात्र 12 प्रतिशत से अधिक अल्कोहल नहीं हो सकता है। इसके बावजूद इसकी खुलेआम बिक्री भी हो रही है।

Also Read:  बिहार में फार्मास्युटिकल दुरुपयोग और दवाओं की अवैध तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई

साटिवाेल में ऐल्कोहॉल की मात्रा उतनी है जितनी एक महंगी ब्लेंडेड व्हिस्की में होती है, जिसकी 100 एमएल की कीमत ही 350 रुपए के आसपास है। जबकि इस टॉनिक की एमआरपी मात्र 75 रुपए है। डिस्काउंट के बाद ये ग्राहकों को 60 रुपए से 70 रुपए के बीच मिल रही है।

हर महीने 10 लाख बोतलों की खपत

इस टॉनिक की डिमांड इतनी अधिक है कि हर महीने 10 लाख रुपए बोतलों की खपत हो रही है। साटिवाेल टॉनिक होम्योपेथिक स्टोर्स पर बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के भी आसानी से मिल रहा है। इसका इस्तेमाल नशे के रुप में खूब हो रहा है। । देश में होम्योपैथिक दवा बनाने की सबसे बड़ी कंपनी एसबीएल ही इसे बनाती है। हरिद्वार में ही इस कंपनी की फैक्ट्री है।

होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर ताडकेश्वर जैन का कहना है कि साटिवोल एक नर्व टॉनिक है। इस टॉनिक को बिना डॉक्टर की सलाह के बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए। अगर लगातार पूरी बोतल का सेवन किया जाये तो ये काफी हानिकारक हो सकती है।