रायपुर। कोरोना की महामारी में कारगर साबित हो रहे रेमडेसिविर दवा की भारी क्किलत आ गई है। दवा दुकानदारों ने इस आपदा को अवसर बना लिया है। दोगुनी कीमत पर दवाओं की ब्रिकी हो रही। मजबूरी में लोगों को खरीदना पड़ रहा है। जैसे महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित मुंबई है, ठीक वैसे ही छत्तीसगढ़ में महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित रायपुर है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रायपुर में इन दिनों एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की भारी कमी शुरू हो गई है। रायपुर के सीएमएचओ- डा. मीरा बघेल ने बताया कि रेमडेसिविर दवा नहीं आई है। उत्पाद कम होने की वजह से अब तक पहुंच नहीं सकी है। कब तक पहुंचेगी अब तक पता नहीं।
इधर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि दवा को उत्पादन नहीं हो पा रहा है इस वजह से दिक्कत है। वहीं दूसरी ओर मेडिकल स्टोर में लगभग 35 सौ रुपये प्राइज है जिसे आठ से 10 हजार रुपये तक में बेंचा जा रहा है। जबकि सरकारी अस्पताल में यह निश्शुल्क लगना है। ऐसे में एक डोज के बाद लोगों को दूसरा डोज नहीं लग पा रहा। जब कि छह दिन तक लगातार लगना है।
कोरोना महामारी को देखते हुए रेमेडिसविर दवा की भारी कमी देखी जा रही है। मेडिकल स्टोर्स के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। लोग कतार लगाकर 40 से 50 किलोमीटर का सफर तय करके यह दवा लेने आ रहे हैं। कमी का फायदा उठाते हुए दुकानदार भी एमआरपी से ज्यादा दाम वसूल रहे हैं। तो कुछ इसकी कालाबाजारी कर ब्लैक में बेच रहे हैं। यहां भीड़ ऐसी है कि सारे नियम तारतार हैं। शारीरिक दूरी का पालन तक नहीं हो पा रहा।
कोरोना मरीज को हर दिन एक लगातार छह दिन तक इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इनकी एमआरपी 3500 रुपये है। इंजेक्शन से मरीजों में सुधार देखा जा रहा है। अगर बाहर से खरीद रहे हैं तो उन्हें बालाबाजारी में छह इंजेक्शन लगभग 60 हजार रुपये में खरीदने पड़ रहे हैं। जो खरीद सकते हैं वह मजबूरन ले रहे लेकिन गरीबों के लिए यह बेहद मुश्किल है।
कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों को इलाज के लिए रेमडेसिविर दवा के इंजेक्शन दिए जाते हैं। वो भी खासकर बुजुर्गों को। गौरतलब है कि रायपुर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को फायदा पहुंचाने वाली पहली और एकमात्र दवा रेमडेसिविर की किल्लत हो गई है। रायपुर में इस दवा की रोज 10 हजार रोज की जरूरत है, लेकिन अब वह भी खत्म हो गया है।
कई कोविड-19 केयर केंद्रों में मरीजों को दवाई देने के लिए नहीं बची है। जानकारी के मुताबिक यह दवाई महाराष्ट्र से आती है, लेकिन महाराष्ट्र में लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण इस दवाई की सप्लाई कंपनियों ने फिलहाल कम कर दी है। आने वाले समय में यह एक बड़ी गंभीर समस्या बन सकती है।