खांसी के दौरान इस्तेमाल होने वाली कोरेक्स कफ सिरप में कोडिन नहीं पाई गई है। ऐसे में यूपी में इस सिरप की बिक्री पर तमाम पाबंदियां हटा ली गई है। पहले एक व्यक्ति एक दिन भर में 100 से 50 एमएम की एक बोतल खरीद सकता था।

माना जा रहा है कि इसका उपयोग नशे में किया जा रहा था, लेकिन जांच के बाद पता चला है कि ऐसा कुछ नहीं है। अब इसे नारकोटिक्स औषधि की श्रेणी में मानते हुए इसकी बिक्री पर से पाबंदी हटा ली गई है

उत्तर प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर एके जैन की ओर से कोरेक्स कफ सिरप पर लगाया गए प्रतिबंध को हटाया जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। अभी सिरप की कितनी भी बोतल कोई भी व्यक्ति खरीद सकेगा। वही थोक विक्रेताओं पर प्रतिदिन सिर्फ 100 बोतल ही बेचने के प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है।

सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर मेडिकल स्टोर पर छापा मारकर अभियान चला रहे थे। जांच रजिस्टर पर सिर्फ की बोतल खरीदने वालों का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करने की व्यवस्था खत्म कर दी गई।

आपको बता दें कि कोरेक्स सिरप में कोडिन से बने होने और इसे नारकोटिक्स औषधि मानते हुए कई पाबंदियां लगाई गई थी। कोरेक्स खांसी में राहत देने वाले घटक है। इसे नारकोटिक्स के तौर पर भी जाना जाता था। इसे अकेले या अन्य दवाओं के साथ मिलाकर भी दिया जाता है।