देवरिया। सरकारी अस्पताल में मरीजों को बांटने के लिए आई दवाओं की बड़ी खेप शहर के एक निजी अस्पताल न्यू मेट्रो हॉस्पिटल में बरामद हुई है। छत पर बने किचन रूम में दवाओं को छिपाकर रखा गया था। डीएम के निर्देश पर हुई छापेमारी में यह सफलता मिली। इतनी बड़ी मात्रा में दवा कहां से आई, इसकी जांच शुरू कर दी गई है। मामले में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। सीएमओ ने अस्पताल के रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने की सिफारिश की है। संचालक के विरुद्ध केस दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी का रोना रोया जा रहा है। मरीजों को बाहर की दवा लिखी जा रही है, जबकि सरकारी दवाएं निजी अस्पतालों में पहुंचा दी जा रही हैं। डीएम अमित किशोर को इस संबंध में शिकायत मिली। डीएम के निर्देश पर सीएमओ डॉ. धीरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रामनाथ देवरिया शहीद गेट के समीप न्यू मेट्रो हॉस्पिटल में छापेमारी की। जांच के दौरान छत पर किचेन में छिपाकर रखी गईं सरकारी दवाएं मिलीं। इसमें आरएल, डीएनएस ग्लूकोज, बेटाडीन मरहम और लिक्विड, इंट्राकैथ, कैथटर, यूरिन बैग, इंजेक्शन, रुई, पट्टी, मरहम समेत अन्य दवाएं और ऑपरेशन में उपयोग होने वाला सामान भारी मात्रा में बरामद हुआ। सभी पर नॉट फार सेल और ओनली फॉर गवर्नमेंट सप्लाई की मुहर लगी थी। स्वास्थ्य टीम को देखकर अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी भाग खड़े हुए। करीब एक घंटे तक टीम मौके पर जमी रही। शुरुआती छानबीन में दवाएं महेन पीएचसी की होने की आशंका जताई गई। संबंधित फर्म इसी पीएचसी पर आपूर्ति देती है। बरामद दवाओं को जब्त करते हुए टीम साथ ले गई। इसके तुरंत बाद सीएमओ महेन पीएचसी को रवाना हो गए। वहां देर शाम तक दवाओं का स्टॉक रजिस्टर, औषधालय कक्ष में रखीं दवाओं का मिलान किया। इसमें काफी अंतर मिला। यहां जांच में फार्मासिस्ट को दोषी पाया गया। सीएमओ ने अन्य सभी पीएचसी-सीएचसी के भी स्टॉक मिलान के निर्देश दिए हैं। सीएमओ डॉ. धीरेंद्र कुमार ने बताया कि सभी सीएचसी व जिला अस्पताल में दिए गए दवाओं की रिसीविंग मंगाई गई है। न्यू मेट्रो अस्पताल का पंजीकरण निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। संचालक के खिलाफ केस भी दर्ज कराया जाएगा।