झालावाड़। जिले के एसआरजी चिकित्सालय से सरकारी सप्लाई के नि:शुल्क एंटी बॉयोटिक इंजेक्शन के चिकित्सालय से बेचे जाने के मामले की जांच में सामने आया कि इंजेक्शन एसआरजी चिकित्सालय से ही गए है। इसमें एक संविदा कर्मी की लिप्तता सामने आई है। जिला कलक्टर ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। एसआरजी चिकित्सालय से गए 134 सेफ्ट्रियाजोन इंजेक्शन सुकेत कस्बे में एक मेडिकल स्टोर से जब्त किए थे। इस मामले में जिला कलक्टर ने तीन सदस्यों की जांच समिति बनाई थी।
जिसमें सीएमएचओ व जिला औषधी भंडार प्रभारी डॉ. रवि शर्मा व एक फार्मासिस्ट ने जांच की। जिसमें सामने आया कि अस्पताल को नि:शुल्क दवा योजना के तहत सप्लाई किए गए आरएम एससीएल से सेफ् िट्रिया जोन इंजेक्शन बेच नम्बर सीटी 22010 के 48 हजार 450 इंजेक्शनों में से 134 इंजेक्शन एसआरजी अस्पताल से गायब मिले हैं। जिला कलक्टर हरि मोहन मीणा ने गुरुवार को एसआरजी स्थित ड्रग स्टोर का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि कोटा ड्रग विभाग की टीम ने इस संबंध में ललित नागर पुत्र लालचन्द निवासी दुर्गपुरा को संलिप्त होना पाया गया है।
उसने इंजेक्शन बेचे थे। प्रारंभिक जानकारी में मिथलेश नागर उर्फ ललित उर्फ लालू नाम का व्यक्ति मेडिकल कॉलेज में संविदा पर कार्यरत होने का पता चला है। जिला कलक्टर ने मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. शिव भगवान शर्मा को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिम्मेदार संविदा कर्मी को हटाने को कहा है। जिला कलक्टर ने संविदा पर लगे अन्य कार्मिकों का आगामी माह से पूर्व ठेकेदार के माध्यम से पुलिस सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त करने के निर्देश डीन को दिए है। एसआरजी चिकित्सालय के ड्रग स्टोर का तत्काल भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए।
इसके साथ-साथ मेडिकल कॉलेज के अन्तर्गत संचालित अस्पतालों के ड्रग स्टोरों का स्थाई समिति गठित कराकर नियमित रूप से भौतिक सत्यापन कराएं। ड्रग स्टोर गेट पर 24 घन्टे गार्ड की नियुक्त करने तथा पुख्ता मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। इस दौरान एसआरजी अधीक्षक डॉ.संजय पोरवाल, ड्रग स्टोर प्रभारी मुकेश तिलकर, डॉ.रवि वर्मा, डॉ.अकील हुसैन आदि मौजूद रहे। सीएमएचओ ने भी सुबह अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच की। इस मामले की जांच एसआरजी चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. संजय पोरवाल को भी करवाने के निर्देश दिए गए है। जांच पूरी होने के बाद अन्य कार्मिकों की भूमिका भी सामने आ सकती है।