रोहतक। नेशनल मेडिकल बिल 2017 के विरोध में शनिवार को इंडियन कालेज एसोसिएशन के आह्वान पर यहां के निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आईएमए रोहतक के सचिव डॉ रवि मोहन ने बताया कि निजी अस्पतालों में ओपीडी की सेवाएं तो बंद रखी गई थी लेकिन आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं जारी रखी। निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद होने के कारण सामान्य अस्पताल और पीजीआईएमएस में ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई और अफरा तफरी का माहौल बन गया।
डॉ रवि मोहन ने बताया कि सरकार भेदभाव कर काउंसिल में अपने सदस्य को नियुक्त कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से ही चुनाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोहतक आईएमए के लगभग 200 डॉक्टर सदस्य तथा अपने अस्पतालों में नेशनल मेडिकल बिल 2017 के विरोध में शनिवार को ओपीडी बंद रखी। नेशनल मेडिकल बिल 2017 का पुरजोर विरोध करते हुए यहां शनिवार को निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद करके अपना विरोध प्रकट किया। आईएमए रोहतक के संरक्षक डॉ आरके चौधरी और डॉ वर्मा ने बताया कि सरकार मेडिकल काउंसिल के सदस्यों के लिए कुछ डॉक्टरों को नामांकित कर रही है।
उसके बाद चुनाव के माध्यम से सदस्य चुने जाएंगे। यह पूरी तरह भेदभाव की राजनीति अपनाई जा रही है। इसलिए आईएमए ने पुरजोर विरोध के रूप में शनिवार को अपने अस्पतालों में ओपीडी बंद करके विरोध प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आईएमए के डॉक्टर सदस्य किसी भी मरीज को संकट में नहीं डालना चाहते। इसलिए उन्होंने अपने अस्पतालों मे आपातकालीन सेवाएं जारी रखी।