बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 750 मरीजों को ऑपरेशन से पहले बेहोश करने वाली घटिया इंजेक्शन लगाने का मामला सामने आया है। आनन-फानन में प्रबंधन ने इंजेक्शन के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है।

जानकारी अनुसार यह इंजेक्शन की सप्लाई शासन स्तर पर की गई थी। इंजेक्शन प्रदेश की सभी 13 मेडिकल कॉलेजों में 6 महीने पहले ही उपलब्ध कराए गए थे।

इंजेक्शन की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि इंजेक्शन नॉन स्ट्राइक क्वालिटी का है। इसे भोपाल के टेस्टिंग लैब में भेजा गया था, जिसमें इसके उसका पता चला आनन-फानन में मामले की जानकारी होने पर शासन द्वारा प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों से इन्हें वापस मंगाने के लिए पत्र लिखा गया है।

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को भी इस संबंध में पत्र मिला है। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में यह इंजेक्शन मरीज की रीड की हड्डी के नीचे लगाए गए हैं। इंजेक्शन लगने के बाद किसी भी मरीज के हताहत होने की बात से प्रबंधन लगातार इनकार कर रहा है। हालांकि इंजेक्शन अलग करने के बाद मरीजों को दूसरे इंजेक्शन खरीद कर लगवाने पढ़ रहे हैं ।