देहरादून। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एंटी ड्रग टास्क फोर्स ने परचून दुकानदार को सहारनपुर से कार में 1028 नशीले इंजेक्शनों की खेप लाते हुए गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि छात्रों के अलावा नशा मुक्ति केंद्रों में नशा छोडऩे के लिए आने वालों को भी ये इंजेक्शन बेचे जाते थे। पकड़े गए आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। डीआईजी एसटीएफ रिद्धिम अग्रवाल के निर्देशानुसार सीओ एसटीएफ ने देर रात आशारोड़ी बैरियर से इंडिका कार यूके 07 एटी 0038 से नशे के इंजेक्शनों की खेप पकड़ी है। पूछताछ में कार चालक ने अपना नाम महेंद्र सिंह उर्फ सोनू सरदार निवासी प्रेमनगर बताया। उसकी परचून की दुकान है। इस दुकान की आड़ में नशे के इंजेक्शन बेचने का काम करता है।
उसने बताया कि वह सहारनपुर में रहमान नाम के तस्कर से 100 रुपए में एक इंजेक्शन खरीदता है। इस इंजेक्शन को वह युवाओं को 500 रुपये प्रति बेचता है। इसके अलावा सरकारी अस्पताल के ओएसटी सेंटर में नशे का इलाज कराने वाले लोगों से संपर्क कर उन्हें भी इंजेक्शन बेचता है। आरोपित के मुताबिक, वह प्रेमनगर में दिलीप उर्फ टिक्की, सुमित, अंकित, अजय को इंजेक्शन सप्लाई करता था। इधर, पुलिस पूछताछ के आधार पर रहमान समेत पांचों आरोपियों की तलाश में जुट गई है। पुलिस ने कार को सीज कर दिया है। वहीं, सामने आया है कि सोनू सरदार का क्राइम रिकार्ड भी है। उसके खिलाफ एनडीपीएस समेत पांच मुकदमे दर्ज हैं।