पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले पहले व्यक्ति के अंतिम संस्कार में विलंब से किया गया क्योंकि लोगों ने यह कहते हुए नाकेबंदी कर दी कि क्रिया-कर्म से वायरस फैल सकता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को करीब दो घंटे तक स्थानीय निवासियों को समझाया कि संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
कोलकाता पुलिस केंद्रीय प्रभाग के एक अधिकारी ने कहा, ”हमने उन्हें बताया कि मृतक के शव को लपेटने के दौरान, सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। डरने की कोई जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शव सौंपने में बहुत विलंब हुआ क्योंकि मृतक के परिवार के सदस्य अस्पताल नहीं आए। इसके अलावा, शव ले जाने के लिए कोई वाहन भी नहीं मिल रहा था।
अधिकारी ने बताया कि एक सरकारी अस्पताल के पृथक वार्ड में फिलहाल भर्ती, मृतक की पत्नी ने स्वीकृति दी जिसके बाद विभाग को शव सौंपा गया। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, ”सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, शव पर रसायनों का लेप लगाया गया और फिर उसे निर्दिष्ट तरीके से लपेटा गया। हमने किसी तरह एक शव वाहन का इंतजाम किया और बिधाननगर शहर पुलिस के अधिकारियों के एक दल की निगरानी में शव को नीमताला शवगृह ले जाया गया।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोविड-19 से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए इस व्यक्ति को 16 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 19 फरवरी को इस व्यक्ति की हालत खराब हो गई थी जिसके बाद उसे जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया था। नॉर्थ 24 परगना के दम दम निवासी इस व्यक्ति ने सोमवार को अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे दम तोड़ दिया।
देश में कोरोना मरीजों की संख्या 500 पहुंची-
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक करीब 500 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार तक के आंकड़ों में यह संख्या सामने आई है। मंगलवार सुबह तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के कुल मामले 492 हो गए हैं जिनमें से 446 लोगों का अभी इलाज चल रहा है।