लुधियाना। पंजाब मेडिकल कौंसिल (पीएमसी) चुनाव में कुछ प्रत्याशियों द्वारा एक ग्रुप बनाकर डॉक्टरों की वोट एकत्र करने का मामला गर्मा गया है। पीएमसी के पूर्व मेंबर और पूर्व मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डीएमसीएच डॉ. बलवीर सिंह शाह ने हेल्थ मिनिस्टर को लेटर भेज चुनाव रद्द कर नए तरीके से वोटिंग करने की सलाह दी है। डॉ. शाह के अनुसार पीएमसी की वोटिंग में हर जिले के सिविल सर्जन को आरओ बनाया जाना चाहिए और हर जिले से एक व्यक्ति को वोटिंग के माध्यम से चुना जाना चाहिए। तभी पीएमसी में कुछ काम हो पाएगा। अन्यथा हर बार की तरह पुराने ग्रुप के लोग वोट एकत्र कर कब्जा कर बैठ जाएंगे। ऐसा सिर्फ कुछ लोग अपने हित साधने से लिए करते है।
सेहत मंत्री को पत्र में डॉ. शाह ने लिखा है कि पीएमसी का गठन 1916 में हुआ था। उस समय सिर्फ 435 मेंबर्स थे। इसका दायरा पेशावर से लेकर दिल्ली तक था। बड़ा दायरा होने के चलते वोटिंग को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से भेजा जाता था। देश के विभाजन के बाद यह दायरा सीमित हो गया। लुधियाना के दंडी स्वामी चौक पर इसका पहला दफ्तर बना। यहां पर डॉक्टर हंसराज इसके रजिस्ट्रार बने थे। अब पंजाब में पीएमसी के 50 हजार मेंबर्स हैं। हर बार इलेक्शन में जालंधर या फिर लुधियाना के डॉक्टर चुने जाते हैं। इसके अलावा दूसरे शहरों से इक्का-दुक्का ही जीत पाते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जालंधर या फिर लुधियाना से जीतने वाले को बठिंडा, मानसा या फिर संगरूर में बैठे डॉक्टर्स के दर्द के बारे में क्या पता चलेगा। इसलिए हर जिले से एक डॉक्टर को चुना जाना चाहिए। सिविल सर्जन दफ्तर में उसका दफ्तर भी होना चाहिए ताकी किसी भी शिकायत पर वह आसानी से काम कर सके।