मुंबई। मुंबई की एसोसिएशन ऑल मेडिकल कंसल्टेंट्स और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डॉक्टरों के विदेश दौरों पर दिए बयान पर नाराजगी जताई है। डॉक्टरों का कहना है कि हर डॉक्टर दवा कंपनियों को प्रोमोट करने के लिए विदेश का दौरा नहीं करता।
कुछेक डॉक्टर जरूर ऐसा करते हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने लंदन दौरे में जिस तरह से सामान्य तरीके से यह बात कही है, इसका असर ईमानदार डॉक्टरों पर भी पड़ा है। पीएम को वहां ऐसा नहीं कहना चाहिए था। एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स, मुंबई और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर असंतोष व्यक्त किया है जिसमें उन्होंने डाक्टरों के फर्जीवाड़े का जिक्र करते हुए उन्हें फार्मास्यूटिकल कंपनियों को प्रमोट करने के लिए विदेशी अधिवेशनों में भाग लेने की कही थी। पीएम के बयान पर कई डॉक्टरों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आईएमए के डॉ. विनोद शर्मा ने उस बयान को शर्मनाक बताया, वहीं डा. रवि वांखेडकर ने कहा कि मोदी की टिप्पणी से हमसब नाराज हैं। डॉ. मुकेश गुप्ता ने कहा कि यह सच है कि कुछ डॉक्टरों को कंपनियां इस तरह विदेशों में भेजती हैं लेकिन प्रधानमंत्री के लंदन में इस बात का असर ईमानदार डॉक्टरों पर भी पड़ा है जो सच में लेक्चर देने के लिए विदेशों का दौरा करते हैं। मुंबई की डॉक्टर वीना पंडित ने कहा कि सभी डॉक्टरों के बारे में ऐसा कहना गलत है। डॉक्टरों का कहना है कि सरकारी संस्थान उनके हाथ में हैं लेकिन सबकुछ होते हुए भी वह जनता को बेहतर सेवाएं नहीं उपलब्ध करवा पा रहे हैं। लेकिन इस ओर सुधार करने के बजाय वह पूरे विश्व में भारतीय डॉक्टरों की साख गिरा रहे हैं।