रोहतक। पीजीआईएमएस के अस्पताल एवं प्रशासनिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रिजेंद्र ढिल्लो को संस्थान की ओर से दी गई चार्जशीट के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राहत दे दी है। इससे पहले नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमित मान, ऑर्थो विभागाध्यक्ष डॉ. आरसी सिवाच व सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आरके कड़वासरा का केस भी हाईकोर्ट में चल रहा था। हालांकि, इसमें से डॉ. अमित मान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि डॉ. ब्रिजेंद्र ढिल्लो को खाली जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने और एक ठेका कर्मचारी को अवधि से अधिक कार्य पर रखकर संस्थान को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के मामले में चार्जशीट किया गया था। इसमें डॉ. ढिल्लो ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, अपर मुख्य सचिव मेडिकल एजूकेशन, हेल्थ विवि के कुलपति समेत दस अधिकारियों को कोर्ट में पार्टी बनाया था। डॉ. ढिल्लो पर लगाए गए पहले आरोप पर पूर्व के कुलपति ने जांच गठित की थी और वार्निंग देकर छोड़ दिया था। इसी पर वर्तमान कुलपति ने उन्हें फिर चार्जशीट दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि एक व्यक्ति को एक मामले में दो सजा नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा, दूसरे मामले में सामने आया कि कपिलदेव नाम के व्यक्ति को ओवर स्टे कराने और संस्थान को आर्थिक लोस पहुंचाने के मामले में रजिस्ट्रार, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ऑफ यूनिवर्सिटी और कंट्रोलर ऑफ फाइनेंस जिम्मेदार हैं।
बता दें कि पीजीआई संस्थान में निजी कंपनी और संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी मिलकर कई गार्डों की सैलरी डकार रहे थे। हाजिरी पीजीआईएमएस में दिखाई जाती थी और वह काम भिवानी शिक्षा बोर्ड में करते थे। इतना होने के बाद भी आज तक जांच सार्वजनिक रूप से पूरी नहीं हो पाई है।