दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अवैध क्लीनिक संचालक झोलाछाप डाक्टर से वसूली करने आया एक फर्जी ड्रग कंट्रोलर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी खुद को सीएमओ दफ्तर का अधिकारी बता झोलाछाप को धमकाकर वसूली करता था। जामुल के एक कथित चिकित्सक से वसूली करने के बाद आरोपी दूसरी किस्त लेने के लिए पहुंचा था, लेकिन उसके पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से दो फर्जी आई कार्ड मिले हैं, जिन्हें दिखाकर वो वसूली करता था। जिले बानबरद, मेडेसरा, कोडिय़ा, नारधा और ढौर क्षेत्र में नौ लोगों को निशाना बनाकर वसूली करने वाले आरोपी का नाम शुभम सावरे है। वह मूलत: बालाघाट का रहने वाला है, लेकिन वो अपने छोटे भाई के साथ रायपुर के मोवा में रहता था। आरोपी शुभम सावरे ने बीते सप्ताह ग्राम ढौर के कथित चिकित्सक शिवअचल शर्मा को धमकाकर उससे 10 हजार रुपये वसूल लिए थे और दूसरी किस्त के पांच हजार रुपये लेने के लिए अब पहुंचा था। शिवअचल शर्मा ने जामुल में मेडिकल स्टोर चलाने वाले अपने भाई को इसकी जानकारी दी थी। जिस पर मेडिकल संचालक ने पुलिस को बता दिया। आरोपी शुभम सावरे दोबारा ढौर पहुंचा तो पुलिस उसे पकडक़र थाने ले आई। पुलिस ने ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजराज सिंह व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को थाने बुलाया। अधिकारियों ने आरोपी के फर्जी होने की पुष्टि की। आरोपी के पास से दो आई कार्ड मिले हैं। एक आईडी में उसने अपना पद सेंट्रल असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर और दूसरे में सेंट्रल असिस्टेंट फूड कंट्रोलर लिखा है। इसके अलावा वो जिस कार से घूम रहा था, उस पर लगा नंबर भी फर्जी मिला है। मेडिकल फील्ड से जुड़े होने के चलते उसे दवाइयों की अच्छी जानकारी थी। सीएसपी छावनी विश्वास चंद्राकर ने बताया कि आरोपी शुभम सावरे के पास एक डायरी मिली है। इसमें उन लोगों की जानकारी है, जिनसे उसने अवैध वसूली की। आरोपी ने बानबरद में नीरज वर्मा, मेडेसरा में मुरली कश्यप, कोडिय़ा में वीके साहू, पीएल कोसरे, नारधा में शशिकांत साहू, श्रीकांत साहू, ढौर में शिवअचल शर्मा और अवध सोनी से उगाही की थी। हर किसी से 10 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक की वसूली की गई।