नई दिल्ली. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि प्रेगनेंसी के दौरान मां की सोच का असर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. जिस कारण,इस अवस्था में मां को अच्छा खाने, अच्छा देखने, अच्छा पढ़ने, अच्छा सोचने और ज्यादा से ज्यादा खुश रहने की सलाह दी जाती है.
आज के समय की बात करें तो, एक वर्ग ऐसा भी है जो, इसके ठीक विपरित है। हमारे समाज में महिलाओं का एक ऐसा वर्ग भी है जो प्रेगनेंसी के दौरान भी नशे का सेवन करता है. इन नशों में सिगरेट और शराब का सेवन सबसे आम है.
मां द्वारा किया गया यह नशा ना केवल गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत पर दुष्प्रभाव डालता है, बल्कि कई बार गर्भपात की वजह भी बन जाता है.
शराब और सिगरेट का सेवन ना केवल गर्भवती महिला, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी बहुत खतरनाक हो सकता है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गर्भवती महिला द्वारा शराब और सिगरेट का सेवन गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हेरोइन, कोकीन से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
इतना ही नहीं, नशे की यह आदत मां और बच्चे के लिए शारीरिक, व्यवहारिक और बौद्धिक समस्याओं का कारण भी बन सकती है, लिहाजा महिलाओं को गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान शराब-सिगरेट के सेवन से परहेज करना चाहिए.