कांकेर (छग)। फर्जी डॉक्टर की दी हुई दवा के सेवन के बाद उल्टी-दस्त से पीडि़त एक स्कूली छात्रा की मौत होने का मामला सामने आया है। आरोपी सरकारी अस्पताल में ड्रेसर बताया गया है। वह निजी मकान में क्लीनिक भी चलाता है, जहां से इलाज कर ग्रामीणों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है।
जानकारी अनुसार सरोना नर्सरीपारा में अपने मामा के घर रहकर पढ़ाई करने वाली चौथी कक्षा की 9 वर्षीय छात्रा शीतल सुरोजिया को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई। छात्रा का मामा लालचंद उसे इलाज के लिए सरोना तहसील कार्यालय के सामने निजी मकान में चल रहे क्लीनिक पर ले गया। क्लीनिक संचालक छबिलाल नेताम सरकारी अस्पताल में ड्रेसर के रूप में पदस्थ है। ड्रेसर ने छात्रा को दवा देकर वापस घर लौटा दिया। परिजनों ने बच्ची की स्थिति को देखकर शंका भी जाहिर की लेकिन ड्रेसर ने उन्हें अपनी दी हुई दवा को बेहतर बताते कहा कि सुबह तक वह ठीक हो जाएगी। परिजन ड्रेसर की बात पर भरोसा कर लौट गए। ड्रेसर ने दस्त होने के बावजूद उसे ओआरएस घोल तक नहीं दिया। अगली सुबह छात्रा की घर पर मौत हो गई। परिजनों ने मामले की जांच की मांग की है। इस बारे में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।