मुजफ्फरपुर। क्लीनिक के बाहर बोर्ड पर पीजीडी इन फिजिशियन असिस्टेंट, एमबीबीएस और एमडी लिख कर जूरन छपरा रोड नं.-4 में प्रैक्टिस करने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस के आरोपी फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर क्लीनिक से पैड और अन्य कागजात जब्त कर लिए हैं। डॉक्टर को जब पुलिस ने पकड़ा तो गली में लगे बोर्ड को दूसरे डॉक्टर का होने की बात बताकर बचने की कोशिश की। डीएसपी मुकुल कुमार रंजन ने बताया कि डॉक्टर ने जो सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया है, उसके भी फर्जी होने का संदेह है। इसकी जांच के लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा गया है। डिग्री की प्रति भेज कर सिविल सर्जन से पूछा गया है कि क्या कोई व्यक्ति इसके आधार पर फिजिशियन की तरह प्रैक्टिस कर सकता है।
दरअसल, डॉक्टर की एक रिश्तेदार ने इस बारे डीजीपी से लेकर एसएसपी तक से शिकायत की थी। इसी आवेदन के आधार पर आईजी सुनील कुमार ने डॉक्टर की डिग्री की जांच का निर्देश नगर डीएसपी व ब्रह्मपुरा थानेदार को दिया था। जिस गली में डॉक्टर की क्लीनिक है, उसी गली में आईजी का सरकारी आवास है। क्लीनिक में जांच के दौरान मीनापुर की एक महिला मरीज का पुलिस ने बयान लिया। उसने डॉक्टर को चिह्नित करते हुए कहा कि इन्होंने उसे देखा और पर्ची पर दवा लिखी। साथ ही पैथोलॉजिकल जांच कराने के लिए भी कहा है। मरीज ने जिस जांच घर की पर्ची नगर डीएसपी को दी, वहां भी पुलिस टीम पहुंची। पुलिस के पहुंचते ही जांच घर के कर्मचारी वहां से भाग निकले। आसपास के दवा दुकानदार और क्लीनिक के स्टाफ भी कुछ बताने से कतराते रहे। आरोपित डॉक्टर ने 3 सितंबर को नगर डीएसपी मुकुल रंजन को आवेदन देकर बताया था कि परीक्षा देकर भारत सरकार के मान्यता प्राप्त संस्थान से फिजिशियन असिस्टेंट का सर्टिफिकेट लिया हूं। इसके आधार पर छोटी-मोटी बीमारियों का प्राथमिक उपचार करता हूं। ब्लड प्रेशर आदि जांच करता हूं।