सिरोही/आबूरोड। चिकित्सा विभाग की टीम ने देलदर में एक स्वयंभू डॉक्टर के क्लिनिक पर छापा मारा। इस दौरान पता चला कि बंगाली डॉक्टर मरीजों को एंटीबायोटिक इंजेक्शन के नाम पर पशुओं में संक्रमण के दौरान लगने वाला ऑक्सीट्रेटासाइक्लिन इंजेक्शन लगाता था। टीम को यहां करीब 1 लाख रुपए से अधिक की कई प्रतिबंधित इंजेक्शन व दवाइयां भी बरामद हुई। पुलिस ने फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार सिरोही बीसीएमओ डॉ. एसएस भाटी व नौ सदस्यों की टीम देलदर पहुंची। बंगाली डॉक्टर पारितोष दत्ता यहां 20 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहा था। टीम के पहुंचने पर उन्हें देख क्लिनिक का शटर लगा दिया और फोन कर अपने जानकारों को बुला लिया। लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया। आबूरोड सदर पुलिस मौके पर पहुंची और क्लिनिक खुलवाया। टीम के सदस्य अंदर पहुंचे तो वहां दो महिलाओं को फर्जी डॉक्टर ने भर्ती कर रखा था और उन्हें ड्रिप चढ़ा रहा था। बीसीएमओ डॉ. भाटी ने बताया कि क्लिनिक की तलाशी में स्टेरायड के प्रतिबंधित इंजेक्शन व दवाइयां मिली। पता चला कि फर्जी डॉक्टर यहां गर्भपात भी कराता था। क्लिनिक से करीब एक लाख रुपए से अधिक की दवाइयां जब्त कर फर्जी बंगाली डॉक्टर पारितोष दत्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जांच टीम को छापे के दौरान क्लिनिक पर डेक्सोना, डेरीफाइलीन, टेट्रासाइक्लिन, ऑक्सीट्रेटा साइक्लिन, पोल्सीमेयर, एंटी फंगल सहित अन्य दवाइयां मिली हैं। अब विभागीय अधिकारी जांच कर रहे हैं कि प्रतिबंधित दवाइयां आती कहां से थी। बता दें कि हाल ही में थलगांव में बंगाली डॉक्टर के इलाज से 50 वर्षीय वृद्ध की मौत के बाद चिकित्सा विभाग ने फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया है।