हैदराबाद। फर्जी डॉक्टर के क्लीनिक पर छापा मारकर करीब 1.65 लाख रुपये की दवाइयां जब्त करने का समाचार है। आरोपी संचालक ममता क्लिनिक के नाम से चिकित्सालय का संचालन कर रहा था और निजी मेडिकल प्रैक्टिशनर होने का दावा करता था। वह अपने क्लिनिक पर बिना किसी चिकित्सकीय योग्यता के मरीजों का इलाज करता था।

यह है मामला

शमीरपेट ज़ोन के ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों को विश्वसनीय सूचना मिली कि ममता क्लीनिक को अवैध तौर पर संचालित किया जा रहा है। सूचना के आधार पर टीम ने मेडचल-मलकजगिरी जिले के उडेमर्री गांव के एक झोलाछाप डॉक्टर गौराराम वेंकटेश के परिसर पर छापा मारा। संचालक एक निजी मेडिकल प्रैक्टिशनर होने का दावा करते हुए अपने ममता क्लिनिक में बिना योग्यता के दवा का अभ्यास कर रहा था।

38 प्रकार की दवाइयां जब्त

डीसीए अधिकारियों ने चिकित्सालय से कुछ दवाओं के सैंपल लिए। इनके अलावा 1.65 लाख रुपये कीमत की दवाइयों को स्टाक भी जब्त किया है। इनमें एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉयड, एंटी अल्सर ड्रग्स, एंटीहाइपरटेंसिव ड्रग्स आदि सहित 38 प्रकार की दवाइयां शामिल हैं।

ये रहे टीम में शामिल

छापेमारी टीम में डॉ. वी. बालानगंजन, सहायक निदेशक, शमीरपेट ज़ोन और बी. प्रवीण, ड्रग्स इंस्पेक्टर, शमीरपेट शामिल रहे। डीसीए के महानिदेशक वीबी कमलासन रेड्डी ने बताया कि इस मामले में फिलहाल जांच की जा रही है। आरोपी के खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी डॉक्टर

सैंपल वाली दवाओं को बेचना गैरकानूनी

बता दें कि औषधि नियंत्रण प्रशासन, तेलंगाना झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा बिना लाइसेंस दवाओं के भंडारण और बिक्री का पता लगाने के लिए लगातार जांच अभियान चला रही है। फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा डॉक्टरों को दवाओं के सैंपल दिए जाते हैं ताकि उनके अपने रोगियों को नि:शुल्क रूप में ये दवाएं दी जा सकें। सैंपल वाली इन दवाओं को बेचा नहीं जा सकता। बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं और इन सैंपल का स्टॉक करना ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत आता है। इसमें पांच साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।