संभल। संभल कोतवाली इलाके में सहायक आयुक्त औषधि मुरादाबाद और जिलाधिकारी के आदेश पर डिप्टी कलेक्टर के साथ तीन जनपदों के औषधि निरीक्षकों ने फर्म पर छापेमारी की तो अवैध दवा कारोबार का भंडाफोड़ हो गया। अधिकारियों ने भारी मात्रा में दवाइयों को जब्त किया। दवाइयों और फूड प्रोडक्ट के नमूने लिए। प्रयोगशाला से नमूनों की जांच रिपोर्ट मिलने पर वाद दर्ज कराया जाएगा। छापेमारी और कार्रवाई से हड़कंप मच गया।

जिलाधिकारी संजीव रंजन के आदेश पर डिप्टी कलेक्टर सुधीर कुमार के निर्देशन में बुधवार को दोपहर में औषधि निरीक्षक रामपुर उर्मिला वर्मा, औषधि निरीक्षक अमरोहा राजेश कुमार, औषधि निरीक्षक मुरादाबाद अतिरिक्त प्रभार संभल मुकेश जैन ने शहजादी सराय डीपीएस स्कूल के पीछे स्थित फास्ट लाइट मार्केटिंग प्राइवेट पर छापेमारी की। मैनेजिंग डायरेक्टर तेज प्रकाश वार्ष्णेय को संपर्क करके मौके पर बुलाया। मकान की तलाशी ली गई तो दवाइयों के भरे हुए डिब्बे मिले। जांच में ऐलोपैथिक दवाइयां पाई गईं। दवा लाइसेंस मांगे जाने पर वह नहीं दिखा पाया।

भंडारित दवाइयों के क्रय विक्रय एवं भंडारण आदि के बारे में कोई अभिलेख और दवा बिक्री लाइसेंस पेश नहीं किया गया। तब दवाइयों को कब्जे में लेकर नमूना लेते हुए जब्त दवाइयों का विवरण तैयार किया। अधिकारियों द्वारा दवाइयों के निर्माण के बारे में जानकारी लेने पर पता चला कि फूड प्रोडक्ट निर्माण के लिए लाइसेंस प्राप्त किया है। भवन में तलाशी ली गई तो कई पेटियां आयुर्वेदिक दवाइयां और फूड प्रोडक्ट मिले। परीक्षण के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग एवं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी मुरादाबाद भी पहुंचे। यह साफ हुआ कि भंडारित प्रोडक्ट अन्य फर्मों से खरीदे गए। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी मुरादाबाद अतिरिक्त प्रभार संभल आलोक मिश्रा ने दवाइयों की जांच की।

परीक्षण के लिए भेजीं बरामद दवाईयां
दवाइयों के विक्रय लाइसेंस का प्रावधान न होने के कारण दो दवाइयों को परीक्षण के लिए लिया। वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग के अभिहीत अधिकारी उमेश प्रताप सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी महेंद्र सिंह ने प्रोडक्ट का परीक्षण करते हुए गुणवत्ता जांचने को चार प्रोडक्ट के नमूने लिए। स्टाक को सील्ड कर जांच रिपोर्ट प्राप्त होने तक विक्रय रोकने के लिए कीमत का आंकलन करते हुए कारोबारी की सुपुर्दगी में दे दिया। औषधि विभाग ने जब्त अवैध दवाइयों को सील किया।

नमूनों की जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज होगा वाद
अधिकारियों के अनुसार, कारोबारी द्वारा अवैध रूप से दवाइयों का कार्य करते हुए औषधि एवं प्रशासन अधिनियम के अंतर्गत अपराध किया है। सील्ड नमूनों का एक-एक भाग प्राप्त कराया गया। अब नमूनों की जांच रिपोर्ट मिलने पर न्यायालय में औषधि एवं प्रशासन अधिनियम 1940 की धारा के तहत सक्षम न्यायालय में वाद दर्ज किया जाएगा। जब्त की गई दवाइयों की दो बोरी को सुरक्षित रखने के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। जबकि दवाइयों के नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।