लखनऊ। एफएसडीए (फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन) ने सूबे के सभी फार्मासिस्ट्स को आधार से लिंक करने का निर्णय लिया है। इस आशय की पुष्टि करते हुए एफएसडी के असिस्टेंट कमिश्नर गुलशन सेतिया ने बताया कि राज्य में 80 हजार फार्मासिस्ट्स उत्तर प्रदेश फार्मासिस्ट काउंसिल में पंजीकृत हैं।
सभी को एफएसडीए के पोर्टल पर पंजीकरण करना जरूरी है। इसके अलावा जो अन्य दवा बनाने वाली कंपनियां चला रहे हैं, उन्हें भी पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी किया गया है। उन्होंने बताया कि यह फैसला कई फार्मासिस्ट्स के फर्जी लाइसेंस इस्तेमाल किए जाने की शिकायतों के बाद लिया गया है।
विभाग के पास कई महीनों से शिकायतें आ रही थी कि काउंसिल ने कई फर्जी लाइसेंस जारी किए हैं। इन शिकायतों की जांच में कुछ अधिकारियों को दोषी भी पाया गया। एक उच्च स्तर के अधिकारी को सस्पेंड भी किया गया था। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिसमें पंजीकरण के बाद फार्मासिस्ट्स उनके लाइसेंस का दुरुपयोग नहीं कर सकेंगे। इस सॉफ्टवेयर को आधार से जोड़ा जा रहा है।