आजमगढ़। जिला महिला अस्पताल में लाखों रुपए कीमत की दवाइयां स्टोर में रखे ही एक्सपायर हो जाने का मामला सामने आया है। गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जरूरी दवाएं भी नहीं मिल पा रही हंै। दवाओं की कमी के चलते डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवा लिख रहे हैं। यहां औचक निरीक्षण पर पहुंचे डीएम से जब इस बारे में शिकायत की गई तो उन्होंने सीएमएस को इसकी जांच कराने और दोषी की पहचान कर उससे वसूली का निर्देश दिया। बताया गया है कि जिला महिला अस्पताल में दवा स्टोर की जिम्मेदारी को लेकर दो फार्मासिस्टों के बीच टशन है। पहले स्टोर का काम फार्मासिस्ट हरेंद्र यादव देख रहे थे। इनके समय से ही अस्पताल के ऊपरी तल पर स्थित कक्ष संख्या सात में दवाएं रखी हुई हैं। इनके बाद अस्पताल प्रशासन ने स्टोर की जिम्मेदारी रण विजय को दे दी। इसके बाद भी उक्त कक्ष में दवाएं रखे होने की जानकारी उन्हें नहीं मिली। दोनों फार्मासिस्टों में चार्ज को लेकर काफी दिनों तक टशन चला। बाद में एसआईसी ने हस्तक्षेप कर हरेंद्र यादव से चार्ज रण विजय को दिलवाया। अस्पताल के कक्ष में 25 लाख की दवा एक्सपायर होने की शिकायत पर डीएम ने दोनों फार्मासिस्टों को बुला कर कमरे का ताला खोलवाने को कहा तो दोनों ने चाभी न होने की बात कही। वहीं, एसआईसी भी कक्ष की चाभी व उसमें एक्सपायर हो चुकी दवाओं के बारे में कुछ नहीं बता सकी। इस पर डीएम ने उन्हें चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण मांगा। डीएम ने एडीएम प्रशासन के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी और कक्ष को सील कराने का निर्देश दिया। जांच कमेटी में एडीएम प्रशासन के अलावा सीएमएस व डिप्टी सीएमओ को शामिल किया गया है। यह जांच टीम कमरे में बंद पड़ी दवाओं की पड़ताल करेगी और यह निश्चित करेगी कि दवाओं के एक्सपायर होने का कारण क्या है और कौन इसका जिम्मेदार है। दोषी से दवा के मूल्य के बराबर की राशि वसूली की जाएगी और एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।