रोहतक। हरियाणा के आंदोलनरत फार्मासिस्ट ने अपना सामूहिक अवकाश एक दिन और बढ़ा दिया है। मंगलवार को भी फार्मासिस्ट सामूहिक अवकाश लेकर विरोध-प्रदर्शन पर चले गए हैं। फार्मासिस्ट की हड़ताल के कारण अस्पतालों की व्यवस्था चरमराई हुई है। दवा न मिलने के कारण मरीज बेहाल हैं। फार्मासिस्ट एसोसिएशन के राज्य प्रधान विनोद दलाल ने कहा कि राजपत्रित फार्मासिस्ट का वेतनमान 4200 रुपये है, जबकि पैरा मेडिकल कैटेगरी का वेतनमान 4600 रुपये कर दिया गया है। उनकी मांग पर फार्मासिस्ट का ग्रेड पे 4600 रुपये करने को मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकृति प्रदान कर दी है, मगर वित्त विभाग का उदासीन रवैया फार्मासिस्ट वर्ग को आंदोलन पर मजबूर कर रहा है। दलाल ने चेताया कि अगर सरकार जल्दी मांगों पर संज्ञान नहीं लेती है तो फार्मासिस्ट एसोसिएशन अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा से पीछे नहीं हटेगी। सामूहिक अवकाश पर होने के बावजूद फार्मासिस्ट ने इंसानियत भी निभाई है। सभी फार्मासिस्ट वर्ग ने पोस्टमॉर्टम में अपनी ड्यूटी दी। जबकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्टाफ नर्स व ट्रेनिंग स्टाफ नर्स से दवाएं बटवाकर फार्मेसी एक्ट 1948 की धज्जियां उड़ा रहे हैं। फार्मेसी एक्ट 1948 के अनुसार दवा सबंधी कार्य के लिए सिर्फ फार्मासिस्ट ही अधिकृत है। उन्होंने बताया कि उनके आंदोलन का हरियाणा डेंटल एसोसिएशन, हरियाणा लेबोरेटरी तकनीशियन (मलेरिया) एसोसिएशन, हरियाणा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारी संघ समर्थन कर रहे हैं।