गोरखपुर: स्वास्थ्य विभाग में रुतबेदार फार्मासिस्ट की छवि बनाने वाले शैलेंद्र मणि त्रिपाठी इन दिनों अधिकारियों के निशाने पर है। दरअसल, त्रिपाठी पर पत्नी के नाम से खनन कराने का आरोप है। सीएम के पोर्टल पर शिकायत के बाद फार्मासिस्ट के खिलाफ विभाग की आंतरिक जांच शुरू हो गई है। एडी हेल्थ को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। जांच में फार्मासिस्ट के बीते एक साल में किए गए कार्यों का ब्यौरा तलब किया गया है।

जिले के खोराबार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नियुक्त फार्मासिस्ट शैलेंद्र मणि त्रिपाठी के खिलाफ कई दिन से शिकायत थी कि वह अवैध खनन में संलिप्त है। इसके लिए उसने पत्नी के नाम से पट्टा लेकर क्षेत्र में अवैध खनन का काम चला रखा है। चार माह पूर्व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। साथ ही सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर भी फार्मासिस्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि शैलेंद्र महकमे में फार्मासिस्ट होते हुए भी धौंस जमाता है। लंबे समय से खोराबार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही तैनात हैं। सिर्फ कागजों में ही वह ड्यूटी करता है। उसने विभाग के लालची अधिकारियों से सांठ-गांठ कर रखी है। शासन ने जांच एडी हेल्थ डॉ. पुष्कर आनंद को सौंप दी है। जानकारी के मुताबिक, एडी हेल्थ ने फार्मासिस्ट के एक साल के कार्यकाल का ब्यौरा पीएचसी प्रभारी से काम-काज और व्यवहार की रिपोर्ट मांगी है। लेकिन फार्मासिस्ट के खिलाफ रिपोर्ट तैयार करने से पीएचसी प्रभारी हिचक रहा है।