अम्बाला, बृजेंद्र मल्होत्रा। हरियाणा में फार्मासिस्टों की समस्याएं दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही हैं। कोरोना संक्रमण के डर से कर्मचारी चरणबद्ध तरीके से आ रहे है। डाक, ईमेल, ऑनलाइन आवेदनों व स्वयं अपने प्रमाणपत्रों से सम्बंधित कार्यों की मौजूदा स्थिति जानने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। सरकार ने रजिस्ट्रार की नियुक्ति पर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की क्योंकि चेयरमैन द्वारा नए नामित रजिस्ट्रार व उप चेयरमैन सोहनलाल कंसल की कॉउंसिल सदन द्वारा तो नियुक्ति कर दी गयी थी परन्तु कंसल ने किसी पचड़े में न पडऩे के मन से सरकारी आदेशों तक रजिस्ट्रार पद पर न बैठने का निर्णय सुना दिया। इस पर चेयरमैन ने सरकार को मात्र सूचना हेतु संज्ञानार्थ पत्र लिखा था, जिस के उत्तर में सरकार से कोई भी उत्तर न मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है। ऐसे में फार्मासिस्टों के नवीनीकरण / माइग्रेशन/ नए रजिस्ट्रेशन सम्बंधित काम कैसे हो पाएंगे। कुछ फार्मासिस्ट अपनी समस्या लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को मिले तो कई फार्मेसी कॉउंसिल ऑफ इंडिया की शरण में अपनी गुहार लेकर पहुंचे। पीसीआई ने देशभर में कोविड 19 की स्थिति के मध्यनजर देशभर की राज्य काउंसिलों के माध्यम से सभी फार्मासिस्टों व औषधि प्रशासन को लिखा कि फार्मासिस्ट जिनके प्रमाणपत्र की नवीनीकरण तिथि 31 दिसम्बर 2019 थी, उनकी ग्रेस अवधि 31 मार्च 2020 तक होती है जो फार्मासिस्ट लॉकडाउन के चलते अपने प्रमाणपत्र 31 मार्च तक नवीनीकरण नहीं करवा पाए उनके प्रमाणपत्रों की वैद्यता 30 सितंबर 2020 तक कर दी गई है। अत: फार्मासिस्ट परेशान न हों । वहीं पूर्व चेयरमैन केसी गोयल ने स्वास्थ्यमंत्री को पत्र लिख कर मांग की कि फार्मासिस्टों के प्रमाणपत्र नवीकरण हेतु अत्यंत आवश्यक 2 सीपीइ प्रमाणपत्रों की आवश्यकता से कोरोना के चलते छूट दी जाए। इसका स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से अभी तक कोई सन्देश सामने नहीं आया है।