अम्बाला। फार्मासिस्ट फाउंडेशन रजिस्टर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय भारती द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व कमिश्नर एफडीए महेश झगड़े के साथ निकट सम्बन्धों का हवाला देकर गाजियाबाद के दवा व्यवसाई इंद्रेश सिंह से थोड़े- थोड़े कर जहां एक साल में करीब 1 लाख रुपए की उगाही कर ली, वो भी अपने निजी खाते में ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से डलवाये, वहीं साईं मेडिकोज संजय नगर गाजियाबाद को करीब 2 लाख 25 हजार रुपए की दवाइयां इस सहमति के माध्यम से दिलवाई कि प्रति माह 20 से 25000 रुपए मिलते रहेंगे।
इंद्रेश सिंह ने मेडिकेयर न्यूज को बताया कि विनय भारती ने आश्वस्त किया था कि महेश झगड़े सेवानिवृत्त के पश्चात उनका संगठन  (फार्मासिस्ट फाउंडेशन) ज्वाइन कर रहे हैं। अत: उनके आ जाने से जहां संगठन मजबूत होगा, वहीं व्यापार भी बढ़ेगा। इस झांसे में आकर विनय भारती को दवाइयां व पैसा देते रहे परन्तु जब महेश झगड़े गाजियाबाद आये तो विनय ने इंद्रेश की मुलाकात भी नहीं करवाई। इतना ही नहीं, जब दवाइयों की रकम की वापसी तय नियमों के अनुसार नहीं हो पाई तो कुछ दिन रुक जाओ कहकर 3 महीने निकाल दिए। अब कहते हैं कि सामान वापस उठवा देता हूँ, जबकि दुकान में उन दवाओं में से करीब 80 फीसदी दवाएं तो बेची जा चुकी हैं। अब विनय न तो 2,25,000 में से 2 लाख 5 हजार ही वापस दे या दिलवा रहे हैं और न अपने निजी खाते में डलवाये 1 लाख ही वापस देने का नाम ही ले रहे हैं। जब भी फोन करो तो उनका फोन बंद मिलता है या फोन उठाते ही नहीं। एक बार फोन उठाया तो कहने लगे कि बार-बार तंग करोगे तो तुम्हारे (इंद्रेश) खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा अंदर करवा दूंगा ।
  जब महाराष्ट्र के पूर्व कमिश्नर एफडीए महेश झगड़े से इस प्रकरण के बारे इंद्रेश ने वाट्सएप पर जानकारी सांझा करते हुए मदद की गुहार लगाई तो उन्होंने किसी भी संगठन को ज्वाइन करने की बात को एक सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी लेनदेन से उनका कोई सरोकार नहीं और न उन्होंने कभी किसी को व्यापारिक लाभ हेतु उनके नाम को इस्तेमाल करने की इजाजत ही दी। अत: वे (इंद्रेश सिंह) अपने पैसे लेने के लिए पूर्ण स्वतन्त्र हैं और कोई भी कदम उठा सकते हैं। इस बारे विनय भारती का पक्ष जानने के लिए प्रयास किया तो उनका मोबाइल फोन बंद ही मिला।
इंद्रेश ने एक और अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी सार्वजनिक की कि फार्मासिस्ट फाउंडेशन का कार्यक्षेत्र मात्र उत्तरप्रदेश तक सीमित है। रजिस्ट्रेशन के लिए नियमावली पत्रों के अनुसार स्पष्ट लिखा है कि कार्यक्षेत्र मात्र उत्तरप्रदेश ही होगा। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में फार्मासिस्ट वैभव शास्त्री को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के विरोध में घोषणा की थी कि विनय भारती टीम सहित दिल्ली में धरना-प्रदर्शन करेंगे जिसके लिए धन की जरूरत पड़ेगी, अत: आर्थिक योगदान दें। कई राज्यों से आर्थिक सहायता आई भी तथा धरना-प्रदर्शन के बारे सार्वजनिक किया कि सरकार से अभी अनुमति नहीं मिली। शीघ्र अनुमति लेकर आंदोलन करेंगे। करीब 1 वर्ष से अधिक समय बीत गया, अभी तक न अनुमति मिली  और न ही धरना-प्रदर्शन ही हो पाए। आर्थिक सहायता का कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला कि वो राशि कहां खर्च हुई। अत: इस संगठन में बड़ा झोल मौजूद है। जरूरत है तो सरकारी तंत्र के एक्टिव होने की।