जयपुर। अब फार्मासिस्ट बनने के लिए फार्मेसी की पढ़ाई में राजस्थान का इतिहास, कला एवं संस्कृति, साहित्य, परंपराएं, विरासत, भूगोल, राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में भी पढऩा होगा। यह पहला मौका है जब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से फार्मासिस्टों की सीधी भर्ती परीक्षा में फार्मेसी विषयों के साथ राजस्थान का इतिहास, भूगोल, कला एवं संस्कृति से जुड़े सामान्य ज्ञान के विषयों को सिलेबस में शामिल किया गया है। फार्मा यूथ वेलफेयर संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण सैन का कहना है कि प्रदेश में निशुल्क दवा योजना के तहत करीबन 17 हजार दवा वितरण केन्द्र संचालित हैं। हकीकत ये है कि नियमित फार्मासिस्ट सिर्फ 2700 होने से फार्मेसी एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। एक तरफ विभाग निजी स्टोर का निरीक्षण करता है, लेकिन निशुल्क दवा योजना के तहत संचालित केन्द्रों का निरीक्षण नहीं कर रहा है। इससे बंट रही दवाओं की क्वालिटी पर संदेह है। सरकार को पदों की संख्या बढ़ाकर 5 हजार तक करनी चाहिए। गौरतलब है कि फार्मासिस्ट की पिछली भर्ती 1478 पदों के लिए हुई थी। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने वर्ष 2012 में यह भर्ती परीक्षा ऑनलाइन कराई थी। तब पाठ्यक्रम में सामान्य ज्ञान शामिल नहीं था। परीक्षा की अवधि डेढ़ घंटे तथा 100 अंकों का पेपर था। साथ ही निगेटिव मार्किंग भी नहीं थी। चयन के लिए 40 फीसदी अंक लाना अनिवार्य भी नहीं था। एक साल के लिए बोनस अंक 4, दो साल के 8 तथा तीन साल के 12, 4 के 16 तथा 5 के 20 निर्धारित थे। लेकिन अब फार्मासिस्ट के 1736 पदों के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड भर्ती परीक्षा करा रहा है। नॉन टीएसपी के 1538 व टीएसपी के 198 पद है। परीक्षा में सामान्य ज्ञान शामिल करने के साथ ही निगेटिव मार्किंग भी होगी। परीक्षा अवधि 3 घंटे होगी तथा 150 अंकों का वस्तुनिष्ठ पेपर होगा। सामान्य ज्ञान के 45 व फार्मेसी के 145 अंक होंगे। 40 फीसदी अंक लाना अनिवार्य रहेगा। एक साल के लिए 10, 2 साल के 20 तथा 3 साल के 30 अंक बोनस अंक मिलेंगे।