नवादा (बिहार)। राज्य के थोक एवं खुदरा दवा दुकानों को फार्मासिस्ट की उपलब्धता एवं तकनीकी गलती के नाम पर विभागीय उत्पीडऩ एवं शोषण के विरोध में राज्यभर के सभी थोक एवं खुदरा दुकानदार बुधवार से शुक्रवार लगातार तीन दिनों तक अपनी दुकानें बंद रखेंगे। बंद के समर्थन में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए दवा व्यवसायी संघ के बीसीडीए प्रदेशाध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने राज्यभर के दवा व्यवसाइयों के व्यापारिक उत्पीडऩ के दर्द को प्रभावी तरीके से उठाया। राज्यभर में मरीजों को दवा के लिए भटकते देख दवा व्यवसाइयों के मन मे टीस थी कि यदि सरकार दवा व्यवसाइयों की समस्या को समय से सुनकर सर्वमान्य हल निकाल देती तो आज मरीजों को दवा के लिए भटकना नहीं पड़ता। वहीं, सरकार के दावों की भी पोल खुल गई कि उन्होंने आपातकाल हेतु सभी इंतजाम कर रखे हैं। मरीज दवा के लिए भटकते रहे। सरकार अपने काम रूटीन में करती रही। दवा व्यपारियों की तरफ न ध्यान गया और न मरीजों की तड़प ही सुनाई दी। नवादा जिला अध्यक्ष ब्रजेश राय ने कहा कि फार्मासिस्ट के समस्या का जब तक सरकार द्वारा समाधान नहीं होता, तब तक विभाग द्वारा जारी सभी अनुज्ञप्तिधारियों के साथ निरीक्षण की आड़ में विभागीय उत्पीडऩ एवं शोषण को बंद किया जाए तथा इस नियम की ओट में की गई विभागीय कार्रवाई के ऊपर राहत दिया जाए। दवा दुकानों में निरीक्षण ड्रग एक्ट में परिभाषित के अनुसार ही होना चाहिए। निरीक्षण के लिए जारी की गई विभागीय ज्ञापन 262(15) दिनांक 29/3/2019 को अविलंब निरस्त किया जाए। निरीक्षण के क्रम में पाए गए तकनीकी गलतियों के ऊपर दंडित करने से पहले उसे सुधार के लिए उचित समय दिया जाए। राज्य में दवा दुकानों में विभागीय निरीक्षण में एकरूपता एवं पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए विभाग की ओर से एक दिशा-निर्देश जारी किया जाए जिसकी पूरी जानकारी राज्य के कैमिस्टों को हो। उनकी मांगों में अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के आलोक में राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा चालान जमा करने में एक स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किया जाय तथा विभागीय निरीक्षण का उद्देश्य सुधार करने का होना चाहिए न कि उसके नाम पर उत्पीडऩ एवं शोषण किया जाए शामिल हैं। दवा संगठन के नेताओं ने कहा कि यदि सरकार द्वारा उपरोक्त मांगों पर उचित निर्णय नहीं किया जाता है तो हमारा आन्दोलन मार्च 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर अनिश्चितकालीन होगा । इस मौके पर संघ के जिला सचिव अनिल कुमार , संगठन सचिव ज्योतिष कुमार मंटू, भोला प्रसाद, मनोज कुमार समेत अन्य लोगों ने अपने विचार रखे।