नई दिल्ली : भारत मेडिकल साइंस यानी डॉक्टरों और फार्मासिस्ट के अलावा दवाई के कारोबार से जुड़े लोगों के लिए एक बड़ा बाजार है, लेकिन कई बार देखा जाता है की दवाई कारोबार से जुड़े हुए लोग यानी फार्मास्यूटिकल कंपनियां कानून का खुलेआम उल्लंघन करती हैं। ताजा घटनाक्रम में कई नामी कंपनियों द्वारा टैक्स का भुगतान नहीं करने की बात सामने आई है। इन कंपनियों में डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड जैसे दिग्गजों का नाम भी शामिल है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम की धारा 25 का पालन न करने सहित विभिन्न अनियमितताओं के आरोप में कई नामी कंपनियां जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) के रडार पर हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक सूत्र ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि जांच के दायरे में आई कंपनियों डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, अरबिंदो फार्मा लिमिटेड, मायलन फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड और आईपीसीए लेबोरेटरीज लिमिटेड शामिल हैं.
सूत्र ने बताया कि उपरोक्त पांच कंपनियों को लगभग 245 करोड़ रुपए की जीएसटी का भुगतान करना था। इसमें डॉ रेड्डीज को 61 करोड़ से अधिक, ग्लेनमार्क को करीब 125 करोड़, अरबिंदो फार्मा को 34 करोड़ से अधिक माइलन फार्मा को करीब 20 करोड़ और आईपीसीए लैबोरेट्री को करीब 4.51 करोड़ रुपए का भुगतान करना था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डीजीजीआई ने मार्च 2022 में फार्मा कंपनियों को जीएसटी भुगतान का नोटिस दिया। इसके बाद कंपनियों ने स्वेच्छा से जीएसटी का भुगतान कर भी दिया। हालांकि, खबर में यह भी कहा गया है कि फार्मा कंपनियों ने जीएसटी भुगतान न करने या नोटिस के बाद टैक्स पेमेंट की घटना पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
बता दें कि सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) एक्ट की धारा 25 के तहत हर राज्य में कमर्शियल संस्थाओं को जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले सामान को ‘सप्लाई’ माना जाता है।